साउथ चीन के समंदर में बढ़ती चीनी सरगर्मीयों को अमरीका ने अब खुला चैलेंज किया है। अमरीका के डिफेन्स मिनिस्ट्री के तर्जुमान मार्क राइट के मुताबिक, “मिसाइल विध्वंसक यूएसएस कर्टिस विल्बर तीन दावेदारों को बताये बिना पार्सेल सीरीज में ट्राइटन ज़जीरा के 22 किलोमीटर के इलाके में ले गया ताकि पार्सेल ज़जीरे पर दावा करने वाले फ़रीक़ों के ज़रूरत से ज़्यादा समंद्री दावों को चैलेंज दिया जा सके। हालांकि चीन ने इसकी सख़्त मज़म्मत की है।
गौरतलब है कि पार्सेल पर चीन, ताइवान और वियतनाम अपना-अपना दावा ठोकते रहे हैं। उनका कहना है कि इस इलाक़े में आने वाले शिप पहले उनकी इजाज़त लें। ये ताज़ा मुहिम बुनियादी तौर से चीन को निशाना बनाकर किया गया था। चीन ने अमरीका की इस कार्यवाही पर फ़ौरी तौर पर जवाब दिया।
चीन के मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स के तर्जुमान यांग युजुन ने बयान जारी करके कहा कि अमरीका की ये कार्यवाही, चीन के कानून की संगीन ख़िलाफ़वरज़ी है, इससे पानी वाले इलाक़ो में अमन, हिफाज़त और सहुलियात को नुकसान पहुंचा है और साथ ही इलाक़े की अमन, इस्तिहकाम को भी ठेस पहुंची है। यांग ने कहा कि, जज़ीरे पर मौजूद चीनी फौज, बहरी फौज के पानी के जहाज़ ने फ़ौरी कार्यवाही की, अमेरिकी जंगी जहाज़ को निशाना बनाया और डरा कर इलाके से बाहर कर दिया।
उन्होंने कहा कि, अमेरिका का मुहिम दोनों फ़रीक़ों के फ़ोर्सिज़ की हिफ़ाज़त के लिए एक गैरजिम्मेदाराना और बेहद गैर पेशेवर था और इससे इंतेहाई मोहलिक नताइज हो सकते हैं।चीनी सिक्योरिटी फ़ोर्स,चीन की ख़ुदमुख़तारी और सलामती की हिफ़ाज़त के लिए हर वो क़दम उठाएंगे जो ज़रूरी हैं । इस बीच चीन के फॉरेन मिनिस्ट्री के तर्जुमान हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीनी फ़रीक़ ने निगरानी की और उसने अमेरिकी जंगी जहाज़ को ज़बानी ख़बरदार किया है।