अमरीका में मुसलमानों पर बढ़ते हमलों से चिंता

अमेरिका : बिल डू ब्लाज़ियो ने न्यूयार्क के क्वीन्ज़ इलाक़े में एक मस्जिद के इमाम और उनके सहयोगी की हत्या के बारे में कहा कि अभी तक यह ज्ञात नहीं हो सका है कि हत्या क्यों की गई लेकिन सच यह है कि मुस्लिम समुदाय को कट्टर मानसिता और सांप्रदायिकता का सामना है। अमरीकी समाज में इस्लामोफ़ोबिया तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। इस्लामोफ़ोबिया मुख्य रूप से नाइन इलेवन की घटनाओं के बाद आरंभ हुआ लेकिन हालिया एक दो वर्षों में यह नए रूपों में सामने आया है और इसमें वृद्धि भी हुई है। मध्यपूर्व में दाइश जैसे आतंकी गुटों के सामने आने के बाद अमरीका के चरमपंथी धड़े कोशिश कर रहे हैं कि इस गुट के अपराधों को इस्लाम का चोला पहना दें। अमरीका के सभी मुसलमान आतंक कार्यवाहियों और निर्दोषों के जनसंहार की निंदा करते हैं लेकिन अमरीकी चरमपंथी इस बात को दृष्टिगत रखे बिना की दाइश के अपराधों का निशाना बनने वाले मुख्य रूप से ईसाई नहीं बल्कि मुसलमान हैं, इस्लामोफ़ोबिया को निरंतर बढ़ा रहे हैं।

अलबत्ता अमरीका के मुसलमान ही इस देश के जातीय व धार्मिक चरमपंथियों का निशाना नहीं बन रहे हैं बल्कि अश्वेत अमरीकियों को भी इसी प्रकार के व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साले एक गोरे अमरीकी ने दक्षिणी कैरोलिना में एक चर्च में फ़ायरिंग करके वहां उपासना कर रहे कई अश्वेत अमरीकी नागरिकों का जनसंहार कर दिया था। अगर अमरीका में सुरक्षा संस्थाओं ने दृढ़ता के साथ इस प्रकार के व्यवहार और विचार की रोकथाम नहीं की तो यह देश सामाजिक अस्थिरता के नए चरण में पहुंच सकता है और फिर केवल जो टकराव होगा उसमें केवल अल्प संख्यक ही निशाना नहीं बनेंगे।