‘अमरीका हक़्क़ानी नेटवर्क के ख़िलाफ़ सबूत दे’

पाकिस्तान, 22 सितंबर: रहमान मलिन ने कहा है कि अमरीका हक़्क़ानी नेटवर्क के ख़िलाफ़ सबूत दे तो कार्रवाई करेंगे.
पाकिस्तान ने अमरीका से मांग की है कि वह चरमपंथी गुट हक़्क़ानी नेटवर्क की क़बायली इलाक़ों में मौजूदगी के सबूत प्रदान करे ताकि दोनों देश मिल कर साझा दुश्मन का मुक़ाबला कर सकें.

यह बात पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने बीबीसी को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में कही.

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इसी विषय पर और पढ़ेंपाकिस्तान हक़्क़ानी नेटवर्क को लेकर पाकिस्तान पर अमरीका की ओर से लगे आरोपों पर उन्होंने कहा, “यह आरोप पहले दिन से ही लगाए जा रहे हैं, हम तो आज भी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ कार्रवाइयों में व्यस्त हैं. ख़ैबर एजेंसी और दर्रा आदमख़ेल में आप देख लें.”

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने अफ़ग़ानिस्तान सरकार के साथ मिल कर सीमा पर कड़ी सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश की है और पाक-अफ़ग़ान सीमा पर प्रतिदिन 40 से 50 हज़ार लोगों की आवाजाही होती है.

उन्होंने कहा कि जब इतने ज़्यादा लोग सीमा पार करते हैं तो सब पर नज़र रखना काफ़ी मुश्किल है कि उनमें से कौन तालिबान है और कौन नहीं.

रहमान मलिक ने कहा, “अमरीका ने हक़्क़ानी नेटवर्क के बारे में कोई सबूत नहीं दिए हैं केवल इतना कहा है कि उन्हें विश्वास है कि वे उत्तरी वज़ीरिस्तान में हैं. हमें एक दूसरे के साथ मिल कर ख़ुफ़िया जानकारी का आदान-प्रदान करना होगा, तो ही कामयाबी मिल सकती है.”

‘सहायता नहीं रुकनी चाहिए’

“यह आरोप पहले दिन से ही लगाए जा रहे हैं, हम तो आज भी चरमपंथियों के ख़िलाफ़ कार्रवाईयों में व्यस्त हैं. ख़ैबर एजेंसी और दर्रा आदमख़ेल में आप देख लें.”

रहमान मलिक, पाकिस्तानी गृह मंत्री

गृह मंत्री ने बताया कि वे उत्तर वज़ीरिस्तान में कार्रवाई के ख़िलाफ़ नहीं, लेकिन वह इस प्रकार की कार्रवाई पहले भी कर चुके हैं जिससे पीड़ित लोग अभी भी बेघर हैं और अगर ताज़ा कार्रवाई होती है तो ओर लोग विस्थापित होंगे.

अमरीकी सीनेट की एक समिति ने पाकिस्तान के लिए एक अरब डॉलर की सहायता को मंज़ूर करने और उसे चरमपंथी गुट हक़्क़ानी नेटवर्क के ख़िलाफ़ कार्रवाई से जोड़ने पर रहमान मलिक ने कहा, “पाकिस्तानी सरकार नहीं चाहेगी कि ऐसा हो. हम यह युद्ध लंबे समय से लड़ रहे हैं जिसमें 35 हज़ार जानें गई हैं और आर्थिक नुक़सान भी उठाया है.”

उन्होंने आगे कहा कि अगर यह सब कुछ करने के बावजूद भी पाकिस्तान को कुछ नहीं मिलता तो यह अच्छा नहीं होगा.

उन्होंने कहा कि जो वह माँग रहे हैं वह सहायता नहीं. पाकिस्तान भी इस युद्ध से काफ़ी प्रभावित हुआ है और युद्ध में पाकिस्तान की भूमिका को देखते हुए उन्हें पाबंदी नहीं लगानी चाहिए.