अमरीकी वज़ीरे ख़ारजा जॉन कैरी ने न्यूयार्क में अपने ईरानी हम मंसब जव्वाद ज़रीफ़ से मुलाक़ात की है। दोनों मुल्कों के दरमयान 1979 के इस्लामी इन्क़िलाब के बाद ये पहला आला सतह का बाहमी राबिता है। दोनों क़ाइदीन के दरमयान ये मुलाक़ात अक़वामे मुत्तहिदा की सलामती कौंसिल के पाँच मुस्तक़िल अरकान और जर्मनी के साथ ईरान के मुज़ाकरात के बाद हुई।
बर्तानवी ख़बररसां इदारे के मुताबिक़ फ़रीक़ैन इन मुज़ाकरात के बाद बहुत पुरजोश दिखाई दिए। ताहम उन का रवैया कदे मुहतात भी था। अमरीका का कहना है कि अभी मज़ीद काम करना बाक़ी है जबकि ईरान पाबंदीयों में नरमी के लिए तेज़तर फ़ैसलों पर ज़ोर दे रहा है।
न्यूक्लियर प्रोग्राम पर मुज़ाकरात के बाद मीडिया वालों से बात-चीत में अमरीकी वज़ीरे ख़ारजा कैरी ने कहा: ये कोई कहने की बात नहीं, एक मुलाक़ात और अंदाज़ में ये तबदीली ख़ुश आइंद रही। उन्हों ने कहा कि तेहरान हुकूमत मुज़ाकरात के ज़रीए बैनुल अक़वामी पाबंदीयों से छुटकारे की उम्मीद कर रही है।
जव्वाद ज़रीफ़ ने मज़ीद कहा कि वो मुख़्तसर मुद्दत में पेशरफ़्त देखना चाहते हैं।