अमरीकी क़ौंसलख़ाना को जमीन की हवालगी का मसला तात्तुल का शिकार

अमरीकी क़ौंसलख़ाना को गच्ची बाउली में अब तक अराज़ी हवाले नहीं की गई। अमरीकी क़ौंसलख़ाना जो कि साल 2011 तक बेगम पेट पाएगाह पैलेस से गच्ची बाउली मुंतक़िल होजाना चाहीए था लेकिन अब तक आइन्दा 5 ता 8 साल में भी मुंतक़ली के कोई आसार नज़र नहीं आरहे हैं। ज़राए से मौसूला इत्तिलाआत के मोताबिक रियास्ती हुकूमत की जानिब से 12 एकड़ अराज़ी की हवालगी के मुताल्लिक़ अब तक सिर्फ़ काग़ज़ी कार्रवाई हुई

और 22 जुलाई 2011 को जायदाद के हुसूल के सिलसिला में एक लीज़ का मुआहिदा किया गया, लेकिन अब तक भी जायदाद की निशानदेही और हवालगी का अमल मुकम्मल नहीं हो पाया है। 2008 में हैदराबाद में अमरीकी क़ौंसलख़ाना के आग़ाज़ से क़बल हुकूमत ने ऐलान किया था कि तीन साल तक क़ौंसलख़ाना आरिज़ी तौर पर पाएगाह पैलेस में ख़िदमात अंजाम देगा और 3 साल बाद पाएगाह पैलेस से क़ौंसलख़ाना की मुंतक़ली गच्ची बाउली में आएगी।

रियास्ती हुकूमत का ये ऐलान अमरीकी क़ौंसलख़ाना के ओहदेदारों में मौज़ू मज़ाक़ बना हुआ है चूँकि रियास्ती हुकूमत ने 12 एकड़ अराज़ी को लीज़ पर देने का मुआहिदा करने के लिए ही 3 साल लगा दिए और ज़ाइद अज़ एक साल गुज़रने के बावजूद अब तक अराज़ी की हवालगी अमल में नहीं आई है। हुकूमत आंध्र प्रदेश की जानिब से अगर फ़ौरी अराज़ी हवाला करने के अहकामात की इजराई अमल में आती है तब भी क़ौंसलख़ाना के ओहदेदार सिक्योरिटी क्लीयरैंस के बगै़र तामीरी कामों का आग़ाज़ नहीं करेंगे।

बावसूक़ ज़राए के मुताबिक़ अगर अराज़ी की हवालगी,तामीरी कामों की मंज़ूरी और तकमील के मजमूई वक़्त का अंदाज़ा लगाया जाये तो मुम्किन है के क़ौंसलख़ाना की मुंतक़ली के लिए मज़ीद 6 ता 8 साल का अर्सा दरकार है। अमरीकी क़ौंसलख़ाना की मुस्तक़िल इमारत के मसला पर अब भी क़ौंसलख़ाना के ओहदेदार कुछ भी कहने के मौक़िफ़ में नहीं हैं। इन का ये एहसास है के आया ये होगा भी या नहीं! चूँकि इस रफ़्तार से हुकूमत काम कर रही है वो बहुत सुस्त है।