तेहरान- 1 नवमबर (एजैंसीज़) ईरान के रुहानी पेशवा-ओ-रहबर-ए-आला आयत उल्लाह अली ख़ामना ई ने कहा है कि इराक़ से अमरीकी अफ़्वाज का इनख़ला इराक़ी तारीख़ के सुनहरी औराक़ का हिस्सा होगा और इस का तमाम तर क्रेडिट मंसूबा बंदी अमरीकी वापसी के लिए इराक़ी अवाम की मुत्तहदा मुज़ाहमत को जाएगा।
वाशिंगटन और तेहरान के दरमयान जारी लफ़्ज़ी जंग में गुज़श्ता रोज़ शिद्दत पैदा होगई जब ईरान के रहबर आला ने इराक़ से अमरीकी फ़ौज के मंसूबा बंद इनख़ला -को इस मुलक के अवाम की मुत्तहदा मुज़ाहमत की मरहून-ए-मिन्नत क़रार दिया।
ईरान के सरकारी ख़बररसां इदारा अरुणा ने आयत-ए-अल्लाह अली ख़ामना ई के हवाले से कहा है कि अमरीकी अफ़्वाज की वापसी इराक़ी तारीख़ के सुनहरे औराक़ पर रक़म की जाएगी। इराक़ी कुरद इलाक़ा से ताल्लुक़ रखने वाले सदर मसऊद बरज़ानी से आयत-ए-अल्लाह ने कहा कि इराक़ में अमरीकी फ़ौज-ओ-सयासी वजूद के बावजूद तमाम इराक़ीयों ने अमरीकी मौजूदगी को क़बूल करने से इनकार किया है।
अमरीकी सदर बारक ओबामा ने ऐलान किया है कि 39 अमरीकी अफ़्वाज इस साल 31 डसमबर तक इराक़ से वापिस होजाएंगी। अगरचे अमरीका ने इस जंग ज़दा मुल्क में अपने चंद सिपाहीयों को बदस्तूर मुतय्यन रखने की ख़ाहिश की थी लेकिन इराक़ ने बाद में वहां ताय्युनात रहने वाले अमरीकी सिपाहीयों को क़ानूनी इस्तिस्ना देने से इनकार करते हुए क़ाबज़ीन के दबाॶ को क़बूल करने से इनकार करदिया था।
वाज़िह रहे कि ईरानी न्यूक्लियर प्रोग्राम, हिज़्बुल्लाह और बशारालासद की हुकूमत शाम की ताईद और दीगर मसाइल पर अमरीका और ईरान के दरमयान सख़्त इख़तिलाफ़ात हैं।
वाशिंगटन में सऊदी अरब के सफ़ीर को हलाक करने ईरान की मुबय्यना साज़िश के बारे में अमरीकी इन्किशाफ़ के बाद ना सिर्फ इन दोनों रिवायती हरीफ़ मुल्कों के दरमयान पहले से जारी कशीदगी में मज़ीद इज़ाफ़ा हुआ है बल्कि तनाज़ा में ईरान के एक और ख़लीजी मुलक सऊदी अरब के भी शामिल होजाने पर सूरत-ए-हाल पेचीदा होगई है।