अमरीकी फ़ौज के तख़लिया के दो साल बाद ईराक़ी फ़ौज तशद्दुद को कुचलने के लिए जद्दो जहद में मसरूफ़ है जो एक ऐसी सतह पर पहुंच गया है जो 2008 के बाद से नहीं देखी गई थी।
ईराक़ी फ़ौज अब अस्करीयत पसंद ग्रुप्स का सामना करने के लिए अकेली पड़ गई है। अक़लीयती सुन्नी अरब तबक़ा में बड़े पैमाने पर नाराज़गी फैल गई है।
होटलों , मस्जिदों, बाज़ारों, शादी की तक़ारीब और जनाज़ों के जुलूस को हमलों का निशाना बनाया जा रहा है। लोगों को गोली मार कर हलाक किया जा रहा है।