अमर सिंह: आपका क्या होगा जनाबे आली
लखनऊ। सपा मुखिया मुलायम सिंह के आगे आने के बाद चार दिनों से जारी सियासी ड्रामा यूँ तो शांत होता दिख रहा है, पर अमर सिंह को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति है। वह पार्टी में रहेंगे अथवा नहीं। यदि रहेंगे तो उनके साथ क्या बर्ताव किया जाएगा। पार्टी में उनको कितनी अहमियत दी जएगी। अभी यह स्पष्ट होना बाकी है।
विवाद शांत करने लखनऊ पहुंचे मुलायम ने जहां इसकी जड़ माने जाने वाले अमर सिंह के बारे में कुछ नहीं कहा। वहीँ अमर सिंह के प्रति गुस्से का इजहार करते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि वे अब उन्हें कभी अंकल नहीं कहेंगे।
मुलायम के चचेरे भाई और सपा राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल वर्मा कई बार पार्टी की जड़ में मट्ठा डालने का आरोप अमर सिंह पर लगा चुके हैं। कार्यकर्ता का हवाला देकर कहते हैं वह पार्टी में बने रहे तो मुसीबत आती रहेगी। कार्यकर्ता नहीं चाहते वह सपा में रहें। अमर के घोर विरोधी माने जाने वाले सपा के सीनियर लीडर आजम खान को भी नए विवाद से उनपर हमलावर होने का मौका मिल गया है। उन्होंने अमर को ब्लैकमेलर कहा है।
अभी पार्टी में अमर सिंह के मुखालिफ हवा बह रही है। एक मुलायम सिंह के भाई और विवाद के केंद्र बिंदू माने जाने वाले शिवपाल यादव जरूर उनके पक्ष में हैं। मगर परिवार के दबाव में उनकी तरफदारी कितनी कर पाएंगे , कह पाना मुश्किल है। खासकर उस परिस्थिति में जब हर कोई उन्हें वेलन मान रहा है। अमर पर आरोप है कि उन्होंने ने ही सपा परिवार में फूट डालने का परपंच रचा था। हटाए गए मुख्य सचिव दीपक सिंघल उनके करीबी हैं। दिल्ली में रविवार को एक पंचतारा होटल में अमर द्वारा आयोजित पार्टी में वह भी मौजूद थे। उसी दौरान सारा खेल रचा गया। पहले बिना सूचना दिए मुलायम सिंह को मोहरा बनाकर अखिलेश को सपा के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया । फिर रिएक्शन में सारी घटनाएं एक के बाद एक होती चली गईं।
यूपी से मलिक असग़र हाशमी