राजनाथ सिंह के मरकज़ी वज़ीर ए दाखिला बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी में नए सदर की तलाश शुरू हो गई है। पार्टी ज़राये के मुतबैक जिन लोगों के नामों पर चर्चा की जा रही है उसमें से एक नाम मोदी के करीबी माने जाने वाले अमित शाह का भी है। शाह ने उत्तर प्रदेश के इंचार्ज रहते हुए 80 में से 72 सीटें पार्टी की झोली में लाने में अहम किरदार निभाये थें।
हालांकि, सदर ओहदा की दौड में पार्टी जनरल सेक्रेटरी जे पी नद्दा का नाम भी सुर्खियों में है और वह अभी दौड में सबसे आगे चल रहे हैं। इन नामों में एक नाम और जु़ड़ गया है और वह है राजस्थान भाजपा के साबिक रियासती स्दर ओम माथुर का। माथुर भी मोदी के करीबी माने जाते हैं और आम इंतेखाबात के दौरान वह गुजरात के इंचार्ज थे। जैसे जैसे ओहदा के लिए दौड तेज हो रही है, वैसे वैसे अटकलबाजियों का बाजार भी गरम हो रहा है।
वहीं, पार्टी के कुछ लीडरों का कहना है कि जब पीएम गुजरात से है तो शायद पार्टी सदर दूसरे रियासत से हो। लीडरॊ ने कहा कि मोदी शाह के नाम को आगे बढ़ा सकते हैं ताकि नद्दा के इम्कानात को कम किया जा सके ताकि माथुर के नाम को भी किसी तरह दौ़ड में शामिल किया जा सके। नद्दा साबिक में मोदी के साथ काम कर चुके हैं और गैर जानिबदार लीडर माना जाता है।
माथुर राजस्थान से आते हैं और उनकी रियासत की वज़ीर ए आला सुंधरा राजे से बनती नहीं है। माथुर और शाह ने बुध के रोज़ आरएसएस के लीडरों से भी मुलाकात की। वहीं, मौजूदा सदर और वज़ीर ए दाखिला राजनाथ सिंह ने भी आरएसएस से मुलाकात की थी। उन्हें पार्टी सदर के ओहदा से इस्तीफा देना प़डेगा क्योंकि भाजपा अपने लीडरों को दो ओहदो पर रहने की इजाजत नहीं देती।