पटना 7 जून : समाज में बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ी चैलेन्ज है। इसे दूर करने के लिए हुकूमत को एक्तेसादी पालिसी बना कर काम करने की जरूरत है। इसके लिए भारतीय एक्तासादियात की खामियों को दूर करते हुए गरीबी लकीर नहीं, बल्कि अमीरी लकीर तय करनी होगी। ये बातें माहिर एक्तेसादियात रोशन लाल अग्रवाल ने कहीं।
वे जुमेरात को नौजवान रियाहिस में एक्तेसादी इन्साफ तहरीक की तरफ से “गरीबी और बेरोजगारी का मुन्सफाना हल” के लिए एलानिया वर्कशॉप में बोल रहे थे। उन्होंने मुल्क में बढ़ती बेरोजगारी पर तशवीश जताते हुए अमीरी लकीर तय कर उससे ज्यादा जायदाद पर सारा टैक्स लगाने की बात कही।
औसत हद से ज्यादा पर लगे टैक्स
मुल्क मुहब्बत मुहीम के सायंसटिस कुमार राजीव ने कहा कि हर अवाम की औसत की हद से ज्यादा कीमत की जायदाद पर सूद की शरह से टैक्स लगा दिया जाना चाहिए। इससे होनेवाली आय ही मुल्क की अजाफी आमदनी है। यह तमाम लोगों की इज्तेमाई आमदनी है। इस तकसीम के तमाम शहरियों में यकसा होना चाहिए।
यह मुल्क के आवाम का पैदाईश से मिलनेवाला हक है। महौलियात माहिर डॉ मेहता नागेंद्र सिंह ने कहा कि मुल्क के वसायल से मिलनेवाली आमदनी का हिस्सा बनाना होगा। इसके लिए बिहार जैसे जराअत रियासतों में नौजवानों को जोड़ना होगा। मौके पर एलपीजी के जनरल सेक्रेटरी राघवेंद्र सिंह भी मौजूद थे।