अमेठी में एक ही परिवार के 11 लोगों की हत्या एक साजिश: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द

नई दिल्ली। जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने अमेठी उत्तर प्रदेश के एक गांव महूना में एक ही परिवार के सदस्यों के सामूहिक हत्या की घटना को भयानक और दुखद बताया है। मौलाना मदनी ने कहा है कि एक साल पहले महाराष्ट्र के ठाणे में और अब यूपी में इस तरह की घटनाओं ने समाज के सामूहिक चेतना को झकझोर दिया है और हमारे सामाजिक दायित्वों को आकर्षित किया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार मौलाना मदनी ने जोर दिया कि हमें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा तथा ऐसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए समाज के हर व्यक्ति को आगे आने की जरूरत है।

महूना में होने वाले घटने का जायजा लेने के लिए मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर जमीयत उलेमा ए सुल्तानपुर का प्रतिनिधिमंडल 6 /जनवरी 2017 को घटनास्थल पर पहुंचा। मौलाना हकीम उद्दीन कासमी साहब सचिव जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने फोन पर प्रतिनिधिमंडल से अपनी बातचीत में ताकीद की है कि उसे सिर्फ आत्महत्या की घटना समझ कर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह घटना समाज व राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी दिलाता है । इसलिए उसी भावना के तहत यह प्रतिनिधिमंडल अमेठी के लिए रवाना हुआ। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जिलाध्यक्ष मोलाना मतहरुल इस्लाम कासमी ने की, प्रतिनिधिमंडल में सुल्तानपुर जिले के जमीयत के प्रशासक मौलाना अब्दुल्ला कासमी, पत्रकार आदिल सिद्दीकी और हाजी रमजान शामिल थे.

कई सवालों और नज़रये की रौशनी में जमीयत उलेमा ए सुल्तानपूर के प्रतिनिधिमंडल ने इस हत्या की घटना में जमालुद्दीन और उसके परिवार के प्रति साजिश की संभावना को खारिज नहीं करता है, इसलिए सरकार से मांग करता है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए तभी जाकर इस हत्या का रहस्य सुलझ सकता है.

जमीयत उलेमा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और उन्हें हर तरह से सहयोग देने को तैयार है. जमीयत के विद्वानों का यह प्रतिनिधिमंडल टी वी चैनलों द्वारा जल्दबाजी में गैर जिम्मेदाराना बयान को संतुलित और बेहतर तरीका नहीं समझता है, मीडिया को दुर्घटना बयान करते समय सही बात तक पहुँचने और पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए।