एक अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट ने कथित रूप से भारत सरकार के मानव अधिकारों के उल्लंघन की आलोचना की है । रिपोर्ट में कार्यकर्ता ‘तीस्ता सेटलवाड़’ के खिलाफ पुलिस द्वारा दायर मामले और मध्य प्रदेश में आठ संदिग्ध सिमी कार्यकर्ताओं की मुठभेड़ में हत्या का हवाला दिया गया है।
‘2016 में भारत की मानव अधिकार प्रथाओं’ पर रिपोर्ट में गैर सरकारी संगठनों के विदेशी वित्त पोषण पर प्रतिबंधों को भी संदर्भित किया है जिनमें सरकार का विचार है की कुछ लोग “राष्ट्रीय या सार्वजनिक हित” के लिए काम नहीं कर रहे हैं। महिला जननांग विकृति और दहेज-संबंधी मौते देश की मानव अधिकारों से सम्बंधित समस्याएं हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट में 25 गैर सरकारी संगठनों का उल्लेख किया गया है, जिनका नवीकरण सरकार द्वारा अस्वीकृत किया गया है। इसमें ‘इंदिरा जयसिंह’ की ‘वकील कलेक्टिव’ और अमेरिकी-आधारित ‘कम्पैशन इंटरनेशनल’ के दो प्राथमिक सहयोगी शामिल हैं जिन्हें सरकार ने नवीकरण की अनुमति नहीं दी है। रिपोर्ट मे कहा गया है की कई स्वैच्छिक संगठनों का मनना है की भारत में काम करने के कारण उन्हें हानि पहुँच रही है ।