नई दिल्ली। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को मिसाइल रक्षा प्रणाली के लिए 4.6 अरब डॉलर की राशि का प्रावधान किया। यह फैसला एक अल्पकालिक खर्च बिल के हिस्से के रूप में किया गया है, जिसपर उन्होंने सरकार का कामकाज अगले महीने तक खुला रखने के लिए हस्ताक्षर किए थे।
कंटीन्यूइंग रिजॉल्यूशन (सीआर) संघीय सरकार को 19 जनवरी, 2018 तक कार्य करने के लिए खुला रखता है, जिसमें मिसाइल रक्षा कार्यक्रमों के लिए वित्तपोषण भी शामिल है। इस बाबत पिछले महीने ट्रंप प्रशासन से अनुरोध भी किया गया था।
सीआर में मिसाइल रक्षा खरीद के लिए लगभग 2.4 अरब डॉलर, अनुसंधान और विकास के लिए 1.3 अरब डॉलर, अन्य चीजों के बीच आवंटित किए गए हैं। सीआर को प्रतिनिधि सभा और सीनेट ने गुरुवार रात मंजूरी दे दी थी।
सीआर पर हस्ताक्षर करने से पहले, ट्रंप ने मिसाइल रक्षा प्रणाली के लिए नए वित्त पोषण को शुक्रवार सुबह एक ट्वीट में बहुत-जरूरी बताया है। क्रिसमस ब्रेक के लिए फ्लोरिडा रवाना होने से पहले राष्ट्रपति ने 1.5 खरब डॉलर के कर कटौती बिल को कानून में बदलने पर भी हस्ताक्षर किए।
उधर, अमरीका और नॉर्थ कोरिया के बीच बढ़ती तनातनी के बीच संयुक्त राष्ट्र में अमरीका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हेली ने कहा कि यह प्रस्ताव उत्तर कोरिया पर दबाव बढ़ाएगा। है। पिछली बार की तुलना में इस बार प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया गया है।
हेली ने प्रस्ताव पर चीन के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, “मैं विशेष रूप से चीन के अपने सहयोगियों का आभार व्यक्त करना चाहूंगी, जिन्होंने इस पर हमारे साथ काम किया।
इन नए और कड़े प्रतिबंधों के समर्थन में चीन की वोचिंग से पता चलता है कि इससे उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और चीन उत्तर कोरिया के परमाणु एवं मिसाइल हथियारों से वैश्विक खतरे को भांप रहा है।
चीन के उपराजदूत वू हेताओ ने कहा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही थी और खतरा बढ़ रहा था। इस प्रतिबंध के तहत उत्तर कोरिया को किए जाने वाली पेट्रोलियम निर्यात में 90 फीसदी तक की कटौती होगी।