अमेरिका: “मीट ए मुस्लिम” गैर मुसलमानों की गलतफहमियां दूर करने की एक अनूठी पहल

वैसे तो इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है जिसके १.६ अरब अनुयायी है और तक़रीबन ३.३ लाख अनुयायी केवल अमेरिका मे ही हैं, फिर भी इसके बारे मे सबसे ज़्यादा गलतफहमियां मौजूद हैं , ऐसा  कहना है फ्रेमोंट की निवासी ‘मोइन शेक’ का।

 

मिल्पिटास के निवासियों के पास यह अवसर होगा की वे इस्लाम और मुसलमानो के बारे में जितने भी सवाल पूछना चाहे, शेक द्वारा आयोजित “मीट ऐ मुस्लिम” कार्यक्रम में पूछ सकते है । यह कार्यक्रम लंबे अरसे से अपने समुदाय के लिए काम कर रही शेक द्वारा मिल्पिटास पब्लिक लाइब्रेरी, १६० इन.मैन स्ट्रीट में बुधवार जनवरी ४ को शाम ७ बजे आयोजित किया जायेगा ।

शेक ने पहला “मीट ऐ मुस्लिम” कार्यक्रम जनवरी में फ्रेमोंट में आयोजित किया था जब रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका मे आने वाले मुसलमानो पर प्रतिबंद लगाने की बात कर रहे थे।

 

“मैं चाहती हूँ की लोग इस्लाम और मुसलमानो के बारे में सवाल पूछे” , शेक ने कहा । उन्होंने कहा की यह कार्यक्रम लोगो को एक मंच प्रदान करेगा जहाँ वे मुसलमानो से सवाल पूछ सके । जो भी समाचारो के ज़रिये हम सुनते हैं मैं उन सब मुद्दों पर लोगो से बात करना चाहती हूँ, उनसे अपने नज़रिया बाटना चाहती हूँ और यह बताना चाहती हूँ की क्यों यह सब हो रहा है ।

” बहुत फर्क पड़ता है अगर लोग एक दूर से आमने सामने मिले, सवाल पूछे और उनके उत्तर वही बैठे लोगो से उन्हें मिले । यह सारी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त करना नामुमकिन है, शेक ने कहा ।

 

उन्होंने कहा की वो चाहती हैं की लोगो के बीच प्यार,सद्भावना,भरोसा बढ़े। यह ज़रूरी है की लोग समझे की मुसलमान भी इंसान हैं , शेक ने कहा की लोगो को यह गलतफहमी है की बहुसंख्य मुस्लिम देशो मे हो रही सभी वारदातें और खुद को मिस्लिम कहने वाले लोगो द्वारा किये जाने वाले जघन्य अपराध केवल मुसलमानो के लिए ही परेशानी का कारण हैं ।

इतिहास से पता चलता है की हर धर्म के लोगो ने रक्तपात मचाया है परंतु दिखाया ऐसा जाता है की केवल मुसलमानो ने ही ऐसे सारे कुकर्म किये हैं । लोगो को नहीं पता की बर्मा मे मुसलमानो को मारा जा रहा है न ही लोगो को यह पता है की और देशो मे मुसलमानो पर कितने अत्याचार किये जा रहे हैं ।

 

शेक ने ऐसे ५० कार्यक्रम अब तक आयोजित किये हैं, परंतु यह उनके लिए खतरे से भरा साबित भी हो रहा है । लोगो मे बढ़ते डर और इस्लामोफोबिक वारदातो के बाद मैं अपने हिजाब के कारण चलती फिरती निशाना हूँ, उन्होंने कहा ।

 

शेक अक्टूबर मे एरिज़ोना मे आयोजित एक “मीट ए मुस्लिम” कार्यक्रम में बहुत ही ज़्यादा विचलित थी। जब वो कार्यक्रम के स्थल पर पहुंची तो उनके साथ आयी एक दोस्त के पास एक वरिष्ठ गोरा आदमी पहुंचा, उन्होंने कहा की वे कोरियाई युद्ध के सैनिक हैं जिन्होंने बहुत लोगो को मारा है और अगर शेक या उनकी दोस्त ने कुछ भी ऐसा कहाँ जो उन्हें पसंद नहीं आया तो वे उनको भी मार सकते हैं । उनके पास एक छुरी भी थी , शेक ने बताया। एक पुलिस कर्मचारी शेक के साथ हमेशा था और उसने उन्हें उस व्यकित से दूर रहने का सुझाव दिया।

मैं अमेरिका मे ३८ सालो से रह रही हूँ, परंतु कभी भी किसी मे इतनी हिम्मत नहीं थी की इतने लोगो के बीच धमकी दे सके, शेक ने कहा । इससे मुझे एह्साह हुआ की चीज़े कितनी बदल चुकी हैं और लोगो के लिए अब कुछ भी कहना कितना आसान हो गया है ।