अमेरिका में मुसलमानों को आशंका है कि सरकार सर्विलांस के लिए उन्हें निशाना बना रही है। यह आशंका उन स्वचालित मतदान कॉल आने के बाद उत्पन्न हुयी जिसमें लोगों से मुस्लमान होने या न होने के बारे में पूछा जा रहा है। इन कॉल में लोगों से कहा जा रहा है कि अगर वे मुस्लिम हैं तो एक दबाएँ अन्यथा दो दबाएँ।
कई लोगों चिंतित हैं कि राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड ट्रम्प मुसलमानों को रजिस्टर करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने की तरफ बढ़ रहे हैं या कुछ निजी नागरिक इस तरह की रजिस्ट्री की नीव बिछा रहे हैं।
वास्तव में ये कॉल एक सर्वे का हिस्सा है जो इमर्ज यूएसए नाम का संगठन करा रहा है। यह एक गैर लाभकारी संगठन है जो अमरीकी मुसलमानों के सशक्तिकरण के लिए काम करता है।
“समूह 8 नवम्बर को संपन्न राष्ट्रीय चुनाव के बाद मुसलमानों को कॉल करके उनके विचारों और चुनाव के बाद के अनुभवों पर एक जनमत सर्वे कर रहा है,” संगठन के वर्जिनिया अध्याय की निर्देशक सारा कोचरन ने कहा।
सारा ने कहा कि हमें बहुत सारे लोगों को इस बात का यकीन दिलाना पड़ा कि ये कॉल इमर्ज यूएसए कर रहा है और कोई इस्लाम विरोधी समूह संगठन के नाम का गलत इस्तेमाल नहीं कर रहा है।
“हमारा काम बहुत प्रभावित हो रहा है क्योंकि लोग डर की वजह से इस सर्वे में हिस्सा नहीं ले रहे हैं,” सारा ने कहा।
ट्रम्प की चौंकाने वाली जीत के बाद से ही अमेरिका में रहने वाले मुसलमान हाशिये पर जी रहे हैं। ट्रम्प के समर्थक लगातार मुसलमानों के विरुद्ध ज़हरीली बयान बाज़ी कर रहे हैं।
ट्रम्प राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार के पद के लिए माइकल फ्लाईन को चुनना चाहते हैं। फ्लाईन ने हाल ही में इस्लाम को दुनियाभर के 1।7 बिलियन लोगों के अन्दर मौजूद कैंसर कहा था और यह भी कहा था कि इसको निकाला जाना चाहिए।
मंगलवार को अमेरिकन इस्लामिक रिलेशन्स कौंसिल ने ट्विटर और फेसबुक पर उन रिपोर्ट के बारे में पूछते हुए पोस्ट किया था जिनके मुताबिक अमेरिकी मुसलमानों ऑटो कॉल प्राप्त हो रही हैं जिसमें उनकी पहचान के बारे में पूछा जा रहा है।
इस बीच, कुछ अन्य लोगों ने भी इन फ़ोन कॉल्स के बारे में सोशल मीडिया में सवाल किये।
कॉल प्राप्त करने वाले एक व्यक्ति ने फेसबुक पर लिखा, “मुझे नहीं पता कि यह फ़र्ज़ी कॉल है या असली है लेकिन मैंने इसकी रिपोर्ट की है और मैं आपसे भी प्रार्थना करता हूँ कि आप भी इसकी रिपोर्ट करें। नई दुनिया में आपका स्वागत है।”