अमेरिका में इस्लामी बुनियाद परस्त से पैदा खतरे को लेकर छिड़ी बहस

वाशिंगटन: अमेरिकी सदर बराक ओबामा और दूसरे अमेरिकी माहिरीन की ओर से हिंदुस्तान में मौजूद मज़हबी आज़ादी पर किये गये तब्सिरे से काफी तनाज़ा पैदा हो गया था।

और इसके बाद हिंदुस्तान की ओर से इस पर आफीशियली तकरीर भी दी गयी। लेकिन अब उसी अमेरिका में हिंदुस्तान और यहां पर बसे मुसलमानों की मिसाल दी जा रही है। इस्लामी बुनियादपरस्त से पैदा खतरे को लेकर छिड़ा तनाज़ा के बीच अमेरिकी सदर के ओहदा पद की रिपब्लिकन उम्मीदवार की दौड़ में मौजूद टेड क्रूज ने हिंदुस्तान की मिसाल दी।

उन्‍होंने कहा कि वहां करोड़ों मुसलमान बिना किसी परेशानी पुरअमन ढंग से रहते हैं। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के इस ख्याल से अदम इत्तेफाक़ भी जताई कि अमेरिका में मुसलमानों के दाखिले पर पाबंदी लगाई जाए।

क्रूज ने कहा कि दुनिया भर में, हिंदुस्तान जैसे मुल्क में पुर अमन पसंद मुसलमान हैं जहां उस तरह की परेशानी नहीं हैं जो हम अलकायदा और आईएसआईएस के कब्ज़े वाले ममालिक में देख रहे हैं।

हमें मसले को देखना चाहिए, मसले पर ध्यान देना चाहिए और बुनियादपरस्त इस्लामी दहशतगर्द को शिकस्त देना चाहिए। लॉस वेगास में पांचवीं रिपब्लिकन बहस में हिस्सा लेते हुए 44 साला क्रूज ने कहा कि यह अक़ीदे को लेकर जंग नहीं है। यह उस सियासी और मज़हबी नज़रिया को लेकर है जो अमेरिकियों के क़त्ल की बात करती है।

टेक्सास से सीनीयर सीनेटर क्रूज की मकबूलियत हाल के हफ्तों में बढ़ी है। ट्रंप ने बहस के दौरान कहा कि अमेरिका में मुसलमानों के दाखिले पर अराज़ी तौर पर बैन लगा देना चाहिए। क्रूज ने कहा कि अमेरिका जंग का सामना कर रहा है।

वहीं फ्लोरिडा के साबिक गवर्नर और साबिक सदर जॉर्ज बुश के भाई जेब बुश ने दलील दी कि मगरिबी एशिया में बड़ी तादाद में मुसलमान अमेरिका के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें आईएसआईएस को खत्म करने की जरूरत है। अगर हम आईएसआईएस को खत्म कर देते हैं तो पनाहगज़ीन का मुद्दा हल हो जाएगा।