अमेरिका में बच्चों का यौन शोषण करने के दोषी लोगों के पासपोर्ट पर उनके अपराध का जिक्र लिखा होगा. इसमें लिखा होगा, धारक को नाबालिग के खिलाफ यौन अपराध का दोषी माना गया है और वह अमेरिका के कानून में यौन अपराधी है.यह बदलाव इंटरनेशनल मेगान्स लॉ की वजह से आये हैं, जिन्हें पिछले साल बच्चों का यौन शोषण और बच्चों के सेक्स टूरिज्म को रोकने के मकसद से लागू किया गया है.
देश के बाहर जाने पर उनके बारे में लोगों को पता होगा कि उन्होंने पहले कभी बच्चों का यौन शोषण किया था. मंत्रालय उन लोगों के पासपोर्ट वापस ले रहा है जिन्हें बच्चों के साथ सेक्स अपराध का दोषी करार दिया गया है. इन सभी लोगों को पासपोर्ट के लिये नया आवेदन करना होगा जिसमें एक विशिष्ट पहचान का कॉलम होगा और वहां उनके बारे में यह जानकारी दर्ज होगी. जो लोग पहली बार पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहे हैं, उन्हें बिना इस पहचान के पासपोर्ट जारी नहीं किया जाएगा.
सरकारी एजेंसियों ने बुधवार को संसद को यह जानकारी दी कि पासपोर्ट के लिए इस कानून को लागू कर दिया गया है. अमेरिका में पासपोर्ट जारी करने वाले विदेश विभाग ने कहा है कि जो लोग इस कानून से प्रभावित होने वाले हैं, उनके नाम संबंधित विभाग से मिलने के साथ ही वह उन्हें इसकी सूचना भेजना शुरु कर देगा. अमेरिका में होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट को बच्चों के यौन शोषण करने वालों की पहचान करने का जिम्मा सौंपा गया है. इस सूची में किसी का नाम डालने या फिर निकालने का अधिकार सिर्फ इसी विभाग को है.
इस कानून से प्रभावित लोग अपने मौजूदा पासपोर्ट पर तब तक यात्रा कर सकते हैं जब तक कि उनका पासपोर्ट जब्त करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती. विदेश विभाग का यह भी कहना है कि नोटिस की भाषा ऐसी नहीं होगी कि इन लोगों को प्रत्यर्पित किया जाय या फिर इससे पासपोर्ट की वैधता पर कोई सवाल नहीं होगा.
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी बयान में यह भी कहा गया है कि जो लोग बच्चों के साथ यौन अपराध के दोषी हैं, उन्हें छोटे यात्रा दस्तावेज जारी नहीं किये जाएंगे. इन्हें अमेरिका में पासपोर्ट कार्ड कहा जाता है. इनमें इतनी जगह नहीं होती की ऐसी नोटिस को डाला जा सके. इस मामले में आलोचकों का यह भी कहना है कि इससे प्रभावित होने वाले लोगों के कानूनी रूप से विदेश यात्रा सीमित हो जाएगी.