अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव: आखिर क्यों हुई किलिंटन की हार

अमेरिका में मंगलवार को हुए राष्ट्रपति चुनाव और उसके परिणाम पूरी दुनिया के लिए चौकाने वाले हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनेलड ट्रम्प और डेमोक्रेट पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी किलिंटन के बीच काटे की टक्कर मानी जा रही थी लेकिन अब तजक आये चुनवा परिणाम साफ़ दर्शाते हैं कि ट्रम्प ही अमेरिका के 45वे राष्ट्रपति होंगे।

ट्रम्प 266 सीटों पर जीत हासिल कर चुके हैं और किलिंटन 218 सीटों पर कब्ज़ा करने में कामयाब हो गयी हैं। जीत के हिसाब से अमेरिका के अहम राज्य ओहायो, फ्लोरिडा और नार्थ कैरोलिना तीनो ही राज्य में ट्रम्प को जीत हासिल हुई है। अब तक के चुनाव परिणाम को देखा जाये तो एक सवाल साफ़ तौर पर सामने आती है कि आखिर ट्रम्प की जीत और किलिंटन की हार की मुख्य वजह क्या है? इसकी एक मुख्य वजह ट्रम्प के “अमेरिका फर्स्ट” के नारे को माना जा रहा है। मोदी की तर्ज़ पर ट्रम्प ने भी “राष्ट्रवाद की भावना अमेरिकी जनता में जगाने में कामयाब रहे। ट्रम्प ने अपने चुनावी भाषण में कई बार “अमेरिका फर्स्ट” का नारा दे कर अमेरिका की आम अवाम में अपनी जगह सुरक्षित कर ली थी। ट्रम्प की जीत में मुस्लिम विरोध की उनकी भावना को भी एक मुख्य वजह के तौर पर देखा जा रहा है।

रिपब्लिकन पार्टी को 2008 और 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में ओबामा की पार्टी डेमोक्रेट पार्टी से हार का सामना करना पड़ा था। ठीक इसके उल्ट किलिंटन को सत्तारूढ़ पार्टी की उम्मीदवार होने के कारण चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। माना जा रहा है कि अमेरिकी जनता ने किलिंटन को इसलिए भी नकार दिया है क्योंकि वह लम्बे समय से सत्तापक्ष पार्टी और सरकार में होने के कारण उनकी इमेज एक राजनेता के रूप में स्थापित हो गयी थी। वहीँ ट्रम्प को लोगों ने इसलिए भी पसंद किया क्योंकि वे जनता के बीच के व्यक्ति माने जाते रहे हैं।