अमेरिकी अखबार का दावा- ‘प्रिंस सलमान के करीबी ने गुपचुप तरीके से किया इजरायल का दौरा’

वाल स्ट्रीट जरनल ने रहस्योद्घाटन किया है कि सऊदी पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या में नम्बर दो के आरोपी वरिष्ठ सऊदी अधिकारी ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश पर इस्राईल की ख़ुफ़िया यात्रा की थी।

सऊदी गुप्तचर एजेंसी के उप प्रमुख मेजर जनरल अहमद अल-असीरी पर आरोप है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के आदेश के अनुसार उन्होंने जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या की साज़िश रची थी।

हालांकि ख़ाशुक़जी हत्याकांड में नाम आने के बाद अल-असीरी को अक्तूबर में उनके पद से हटा दिया गया था। अल-असीरी ने इस्राईल की अपनी ख़ुफ़िया यात्रा के दौरान ज़ायोन अधिकारियों से रियाज़ और तेल-अवीव के बीच ख़ुफ़िया सहयोग के विषय पर बातचीत की थी।

वाल स्ट्रीट जनरल का कहना है कि ख़ाशुक़जी हत्याकांड में एक दूसरे आरोपी और मोहम्मद बिन सलमान के निकट सहयोगी सऊद अल-क़हतानी भी इस्राईल यात्रा में अल-असीरी के साथ थे। क़हतानी को भी ख़ाशुक़जी हत्याकांड के आरोप में उनके पद से हटा दिया गया था।

सूत्रों का कहना है कि बिन सलमान के मीडिया सलाहकार क़हतानी को सऊदी अरब और क्षेत्र में इस्राईल की छवि अच्छा बनाने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई थी।

मोहम्मद बिन सलमान ने अल-असीरी और अल-क़हतानी को ख़ुफ़िया रूप से इस्राईल भेजा था ताकि वे इस्राईल से जासूसी के आधुनिक उपकरण और यातना के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरण ख़रीद सकें।

नाम ज़ाहिर नहीं करने की शर्त पर एक सऊदी अधिकारी ने मीडिल ईस्ट आई को बताया है कि इन समस्त मामलों में क़हतानी की भूमिका महत्वपूर्ण थी।

ग़ौरतलब है कि सऊदी पत्रकार ख़ाशुक़जी की तुर्की के इस्तांबुल नगर में स्थित सऊदी कांसूलेट में बहुत ही बेदर्दी से हत्या कर दी गई थी, तुर्की और अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए का कहना है कि उनके पास इस बात के सुबूत हैं कि पत्रकार की हत्या का आदेश सीधे मोहम्मद बिन सलमान दिया था।

बिन सलमान ने विदेश में अपने विरोधियों का सफ़ाया करने के लिए एक दल का गठन किया था, जिसकी कमान अल-असीरी को सौंपी गई थी।इस दल का नाम जिसे टाइगर स्कवाड के रूप में जाना है असीरी के नाम पर ही रखा गया था।

सूत्रा का कहना है कि असीरी अपने साथियों के बीच द टाइगर ऑफ़ द साउश या दक्षिण के शेर के रूप में जाने जाते हैं। यमन युद्ध के बाद असीरी ने मीडिया में एक वहशी जानवर के रूप में अपनी पहचान बनाई है और यह नाम असीरी को पसंद है।

साभार- ‘parstoday.com’