अमेरिकी कच्चे तेल में भारी गिरावट, ट्रेड वॉर बढ़ने का असर

नई दिल्ली. कच्चे तेल में कमजोरी का रुख है. अमेरिकी कच्चे तेल यानी WTI क्रूड का भाव डेढ़ फीसदी से ज्यादा लुढ़ककर 64 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया है. इसी तरह से ब्रेंट क्रूड का भाव भी आधा फीसदी की गिरावट के साथ 73 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गया है. अमेरिकी कच्चे तेल के बेंचमार्क यानी WTI क्रूड की कीमतों में भारी गिरावट की सबसे बड़ी वजह यह है कि अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर बढ़ गया है.
इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की दूसरी बड़ी वजह यह है कि अमेरिका में उत्पादन लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहा है. साथ ही तेल उत्पादकों के समूह ओपेक ने भी सप्लाई बढ़ाने के संकेत दिये हैं.

अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन एक करोड़ 9 लाख बैरल रोजाना के स्तर पर पहुंच गया है. माना जा रहा है कि अमेरिका जल्द ही क्रूड उत्पादन में रूस को पीछे छोड़ सकता है. फिलहाल रूस दुनिया का सबसे बड़ा क्रूड उत्पादक है.

पिछले दो वर्षों में अमेरिका में कच्चे तेल के उत्पादन में लगभग 30 फीसदी की वृद्धि हुई है. यह अब शीर्ष वैश्विक उत्पादक रूस के करीब है. रूस में जून के पहले दो हफ्तों में कच्चे तेल का उत्पादन 1 करोड़ 11 लाख बैरल रोजाना के स्तर पर पहुंच गया है.

22-23 जून को ओपेक की वियना में बैठक होगी. इस बैठक में ओपेक के साथ दूसरे देश भी शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में कच्चे तेल की सप्लाई करीब 10 लाख बैरल रोजाना बढ़ाने पर फैसला हो सकता है.