वाशिंगटन: अमेरिका की जॉर्ज वाशिंगटन युनिवर्सिटी हिंदू और बौद्ध मज़हब के मज़हबी निशान स्वस्तिक पर पाबंदी लगाने के बारे में गौर कर रहा है क्योंकि इंतेज़ामिया का मानना है कि यह नाजी अलामत की तरह दिखता है और इससे यहूदी स्टूडेंट्स के जज़्बात को ठेस पहुंच सकती है.
यह ख्याल उस वक्त सामने आया है कि जब एक यहूदी तालिब ए इल्म अपने हिंद दौरे से स्वास्तिक की तस्वीर के साथ लौटा. उसके यहूदी फिर्के के रिहायशी हॉल के बुलेटिन बोर्ड में यह तस्वीर लगा दी थी.
फिर्के के लोगों ने जब बुलेटिन बोर्ड पर स्वास्तिक देखा तो उन्होंने सोचा कि यह एक तरह का खतरा है और इस बारे में पुलिस को इत्तेला किया.
कुछ घंटों के अंदर मामला शांत हुआ. पुलिस ने अपनी जांच बंद कर दी. बुलेटिन बोर्ड पर तस्वीर लगाने वाले स्टूडेंट को बाहर निकाल दिया गया है और इस स्टूडेंट की पहचान आवामी नहीं की गई है.
जॉर्ज वाशिंगटन युनिवर्सिटी के चेयरमैन स्टीवन नैप ने एक बयान में कहा कि, स्टूडेंट का दावा है कि उसकी हरकत हरकत पैदा करने वाली नहीं थी. युनिवर्सिटी इस मामले को ज़ायज़ा के लिए Hate Crimes Unit भेज रहा है.