वाशिंगटन । हिंदूस्तान के लिए ये बात ज़रूर बहुत अहम होगी कि अमेरीका ने हिंदूस्तान के साथ अपने ख़ुशगवार ताल्लुक़ात को दुसरे तमाम मामलों पर बरतरी दे रखी है जिस का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि दोनों ही मुलकों के आला ओहदेदारों के इस माह बहुत हि अहम दौरे होंगे।खास तौर पर तालीम, कारोबार और सेना वीभाग में दोनों ही मुल्क एक दूसरे के लिए लाज़िम ओर-मुल्ज़िम बन चुके हैं।
अगले हफ़्ते भी डीफेन्स सेक्रेटरी लीवन पनेटा दो दिन के लिए नई दिल्ली में होंगे, जहां दोनों मुलकों के दरमयानी फ़ौज से फ़ौज के ताल्लुक़ात को ओर जयादा मजबुत किया जाएगा। जून के आखिर तक टरीझ़री सेक्रेटरी तिमोथी गेथनर भी अपने हिंदूस्तानी हम मंसबूबों के साथ मआशी और कारोबारी वीभागों में अहम बातचित करेंगे जबकि इस दरमयान अमेरीकी वज़ीर-ए-ख़ारजा (विदेश मंत्री)हिलारी क्लिन्टन ने भी हिंदूस्तानी मंत्रीयों के साथ एक दो नहीं बल्कि तीन केबीनेट सतहों कि मिटींगों की सदारत का फ़ैसला किया है, जिन में 13 जून को हिंदूस्तानी वज़ीर-ए-ख़ारजा(वीदेश मंत्री) एस एम कृष्णा के साथ वाशिंगटन में स्ट्रेटीजीक बात चित का तीसरा मरहला भी शामिल है।
हिंदूस्तानी वफ़द की नुमाइंदगी चार केबीनेट मंत्री और दो केबीनेट सतह के ओहदेदारा करेंगे। यहां इस बात का जिक्र दिलचस्पी से ख़ाली ना होगा कि 13 जून के आस पास जितने प्रोग्राम्स को फाइनल किया गया है, उन की एहमीयत का अंदाज़ा लगाते हुए उसे वाशिंगटन में हिंदूस्तानी हफ़्ते का नाम दिया गया है।