अमेरीका के सरबराह फ़िज़ाईया का ईरान पर ज़बरदस्त बमबारी का ऐलान

अमेरीका ने कहा है कि अगर ईरान के ख़िलाफ़ उसे फ़ौजी कार्रवाई करनी पड़ी तो इस पर 13600 किलोग्राम वज़नी बम गिराएगा जो फटने से पहले 65 मीटर तक किसी बंकर के अंदर दाख़िल हो सकता है। अमेरीकी फ़िज़ाईया के जनरल हरबर्ट कार्लाइल ने बताया कि ये बम जो अमेरीका ने गुज़श्ता साल ही हासिल किया है अमेरीकी अस्लाह के ज़ख़ाइर में शामिल है, जो ईरान पर हमले के लिए दस्तयाब होगा क्योंकि ईरान में कुछ ज़ेर-ए-ज़मीन न्यूकलीयाई प्लांटस हैं।

हरबर्ट कार्लाइल ने बताया कि इस बम की दीगर मुख़्तलिफ़ ख़ुसूसीयात हैं जिनमें मज़ीद इज़ाफ़ा किया जा रहा है। उन्होंने कल एक अमेरीकी दिफ़ाई प्रोग्राम में कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो इस का इस्तेमाल किया जाएगा। वाज़िह रहे कि अमेरीका ईरान के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई करने के मुतबादिल पर ग़ौर कर रहा है ताकि ईरान न्यूकलीयाई अस्लाह तैयार ना कर सके।

मिस्टर कार्लाइल ने कहाकि अमेरीका ने इस बात का तहय्या कर रखा है कि वो ईरान को न्यूकलीयाई मुल्क नहीं बनने देगा और ये कि अगर इसके ख़िलाफ़ ताक़त का इस्तेमाल करना पड़ा तो वो इस के ख़िलाफ़ इसराईल से ज़्यादा जारह कार्रवाई करेगा। उन्होंने मज़ीद कहा कि अगर ईरान अपने न्यूकलीयाई प्रोग्राम पर मिस्र रहा तो हम पर इसका कोई असर नहीं होगा लेकिन अगर अमेरीका इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करता है तो इसका इस पर बहुत बुरा सर होगा।

वाज़िह रहे कि पेंटागन की तरफ़ से ऐसी बात ऐसे वक़्त में सामने आई है जबकि सदर बराक ओबामा ईरान के ख़िलाफ़ मुम्किना फ़ौजी कार्रवाई की बात की एहमीयत ख़तम करने की कोशिश कर रहे हैं। इनका कहना है कि अब ये मामला सिफ़ारती तरीक़े से हल किया जा सकता है।

मिस्टर कार्लाइल ने मज़ीद कहा कि अगर ईरान के मुआमले पर मुल्क शाम के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई करनी पड़ी तो अमेरीका फ़िज़ाई और बहरी तरीक़े से हमले करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास साइबर हमले से भी निमटने के तरीक़े हैं और हर तरह के अस्लाह मौजूदा हैं और उन तमाम असलाह के इस्तेमाल पर अब बातचीत हो रही है।उन्होंने मज़ीद कहाकि शाम और ईरान ने मुम्किना हमला आवर जहाज़ों को दूर रखने के लिए कोई अहम दिफ़ाई बेड़ा तैनात नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि इन दोनों मुल्कों के साथ जंग की सूरत में साइबर स्पेस की लड़ाई अहम हो सकती है। दरीं असना येरूशलम से मौसूला इत्तिला के बमूजब इसराईली वज़ीर-ए-आज़म बेञामिन नीतिन याहू ने अमेरीका से जदीद बम मांगे हैं ताकि वो ईरान की ज़ेर-ए-ज़मीन न्यूकलीयाई प्लांटों पर हमला करने की अपनी सलाहीयत में इज़ाफ़ा कर सके।

एक इसराईली अफ़्सर ने मीडीया की इन ख़बरों की तस्दीक़ करते हुए कहा कि गुज़श्ता हफ़्ता नितिन याहू ने ओबामा से वाशिंगटन में अपनी मुलाक़ात के विदुर इन ये मुतालिबा किया था। वाईट हाउस के तर्जुमान जय कारने ने कोई तफ्सील बताए बगै़र कहा कि दोनों लीडरों के दरमयान अभी इस तरह के किसी मुआहिदे को क़तई शक्ल नहीं दी गई है।

दूसरी तरफ़ अमेरीकी फ़ौज के एक आली अफ़्सर ने नाम ना बताने की शर्त पर इस बात की तसदीक़ की कि अमेरीकी वज़ीर-ए-दिफ़ा लीवन पनेटा और नीतिन याहू के दरमयान फ़ौजी सलाहीयतों को बढ़ाने के मुआमले पर बातचीत हुई। तर्जुमान ने ये भी कहा कि नितिन याहू ने अमेरीकी सदर से अपनी मुलाक़ात के दौरान उन पर ये वाज़िह कर दिया कि इसराईल ने अभी ईरान के ख़िलाफ़ फ़ौजी कार्रवाई का फ़ैसला नहीं किया है।

इसराईली अख़बार मारी में कल शाय होने वाले एक मज़मून में कहा गया है कि ओबामा ने नितिन याहू से कहा है कि अमेरीका इस शर्त पर उसे जदीद तरीन फ़ौजी साज़-ओ-सामान सप्लाई कर सकता है कि वो 2012 में ईरान पर हमला ना करने को यक़ीनी बनाए। वाज़िह रहे कि इसराईल को मग़रिबी एशिया का वाहिद न्यूकलीयाई अस्लाह रखने वाला मुल्क ख़्याल किया जाता है लेकिन तजज़िया कारों का ख़्याल है कि इसके पास से जो रिवायती अस्लाह हैं वो ईरान की क़ुव्वत का मुक़ाबला नहीं कर सकते।

इसराईल के पास पुराने छोटे और बहुत कम तादाद में बंकर पर हमले करने वाले बम हैं और जंगी जहाज़ों में ईंधन भरने वाले जहाज़ भी बहुत कम हैं जो उसे अमेरीका ने दीए हैं।