अमेरीका में साइबर स्कियोरिटी बिल की मंज़ूरी

अमेरीकी ऐवान नुमाइंदगान ने इस साइबर स्कियोरिटी बिल की मंज़ूरी दे दी है जिसके तहत साइबर हमले का ख़तरा सामने आने पर वैब सारिफ़ीन के निजी डाटा तक रसाई हासिल की जा सकेगी। सपाया साइबर इन्टेलीजेन्स शेयरिंग ऐंड प्रोटेक्शन एक्ट के तहत स्कियोरिटी एजेंसीज़ और निजी वेब कंपनीयों के दरमयान मालूमात का तबादला भी आसान हो जाएगा।

बिल के मुख़ालिफ़ीन का कहना है कि इस बिल का असल निशाना हैकर्स नहीं बल्कि इंटरनेट पर फाइल्स का तबादला करने वाले सारिफ़ीन हैं। उन्होंने इस बिल की शफ़्फ़ाफ़ियत पर भी सवाल उठाए हैं। वाईट हाऊस य जारी होने वाले ब्यान में कहा गया कि अगर ये बिल सदर तक पहुंचा तो वो इसे वीटो कर देंगे।

अमेरीकी ऐवान-ए-ज़ेरीं ने 138 के मुक़ाबले में 248 वोटों से इस बिल की मंज़ूरी दी।

अमेरीकी ऐवान-ए-बाला में भी साइबर स्कियोरीटी पर एक बिल मौजूद है लेकिन वो सपा से मुख़्तलिफ़ है और अभी इस पर ववटन की तारीख़ भी तय नहीं की गई। निजी मालूमात के तहफ़्फ़ुज़ के लिए सरगर्म कारकुनों ने इस बिल की मंज़ूरी की मुख़ालिफ़त की है।

अमेरीकन सियोल लिबर्टीज़ यूनीयन की मशील रिचर्डसन ने अपने ब्यान में कहा कि जैसा कि हम ने बारहा देखा है कि जब ये मुआमला एक बार चल पड़ता है तो फिर वापसी की राह नहीं रहती। हम सेनेट से अपील करते हैं कि वो इस ख़ौफ़नाक बिल को दफ़न कर दे।

कांग्रेस में इस बिल के हामी माईक रोजर्ज़ का कहना है कि ये बिल अमेरीका को मज़ीद महफ़ूज़ और हमारी मईशत को ग़ैर मुल्की साइबर हमलावरों से ज़्यादा बेहतर तरीक़े से बचाएगा। फेसबुक, ए टी ऐंड टी, वेरीज़ वन और माईक्रो साफ़्ट समेत 800 कंपनीयां ऐसी हैं जिन्होंने इस बिल की हिमायत का फ़ैसला किया है।