अमेरीका में हिंदुस्तानी सिफ़ारतख़ाना की जासूसी

लंदन, वाशिंगटन, 02 जुलाई:(पी टी आई)हिंदुस्तानी सिफ़ारतख़ाना वाकेए अमेरीका के बिशमोल 38 सिफ़ारती मिशन की अमेरीकी इंटेलीजेंस एजेंसियां जासूसी कर रही थीं। एडवर्ड स्नोडेन (Snowden) के अफ़शा किए गए ताज़ा दस्तावेज़ात में ये हैरत अंगेज़ इन्किशाफ़ किया गया ।

इसमें 38 सिफ़ारती मिशन का तज़किरा किया गया है और इस फ़हरिस्त हिंदुस्तानी सिफ़ारतख़ाना का नाम भी शामिल है। बताया गया है कि अमेरीकी नेशनल सेक्युरिटी एजेंसी इन सिफ़ारती मिशन की जासूसी किया करती थीं। अमेरीका ने जासूसी के लिए कई तरीके अपनाए थे जिन में एक ये भी था कि किसी को ज़्यादा तंग करते हुए इससे मालूमात उगलवाई जाये ।

एक दस्तावेज़ में 38 सिफ़ारतख़ानों और मिशन की फ़हरिस्त शामिल की गई है और उसे निशाना क़रार दिया गया है। रोज़नामा जारडीन ने इस अफ़शा की गई रिपोर्ट के हवाले से बताया कि जासूसी के लिए हमा इक़साम के तरीके अपनाए गए थे । हर निशाना के लिए जो तरीका मुक़र्रर था इस में किसी शख़्स को ज़च कर देने के इलावा इलेक्ट्रानिक मुवासलाती आलात की खु़फ़ीया तंसीब भी शामिल है ताकि ख़ुसूसी एंटीना के ज़रीया राज़ की मालूमात हासिल की जा सके।

इस फ़हरिस्त में रिवायती नज़रियाती मुख़ालिफ़त रखने वाले और हस्सास मशरिक़ वुस्ता के ममालिक शामिल हैं। इसके इलावा योरोपी यूनीयन मिशन और फ़्रांस , इटली और यूनान के सिफ़ारतख़ानों को भी निशाना में शामिल किया गया है । यही नहीं बल्कि अमेरीकी हलीफ़ ममालिक बिशमोल जापान , मैक्सिको , जुनूबी कोरिया , हिंदुस्तान और तुर्की भी इस फ़हरिस्त में शामिल हैं।

सितंबर 2010 के दस्तावेज़ में इस फ़हरिस्त का ज़िक्र है ताहम बर्तानिया , जर्मनी यह दीगर मग़रिबी योरोपी ममालिक को इस में शामिल नहीं किया गया है । जासूसी के एक तरीका का ज़िक्र करते हुए बताया गया है कि इसे खु़फ़ीया नाम ड्राप मायर दिया गया । इस का मतलब ये है कि योरोपी यूनीयन सिफ़ारतख़ाना वाकेए डी सी में एक तार नसब किया गया है और इसे फैक्स मशीन से मरबूत किया गया जो इस सिफ़ारतख़ाना में इस्तेमाल किया जाता था ।

नेशनल सेक्युरिटी एजेंसी के दस्तावेज़ात के मुताबिक़ इस फैक्स मशीन के ज़रीया कई मालूमाती उमोर योरोपी ममालिक के दारुल हकूमत में वाकेए उमोर ख़ारेजा की वज़ारतों को रवाना किए जाते थे । 30 साला Snowden ने नेशनल सेक्युरिटी एजेंसी के इस खु़फ़ीया जासूसी प्रोग्राम का पर्दा फ़ाश किया था और इस पर अमेरीकी क़वानीन की ख़िलाफ़वर्ज़ी का इल्ज़ाम है ।

वो इस वक़्त हांगकांग से फ़रार होने के बाद मास्को एयरपोर्ट पर मौजूद है । स्नोडेन ने हवाई के एक कंप्यूटर नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर की हैसियत से बोज़ एलन हैमिल्टन के लिए काम किया था और गुज़श्ता माह वो कई राज़दाराना मालूमात के हामिल लैप टाप के साथ हांगकांग फ़रार हो गया था।

इन दस्तावेज़ात में ऐसे प्रोग्राम मौजूद हैं जिन के ज़रीया अमेरीका में मुक़ामी टेलीफोन काल्स रिकॉर्ड किए जा सकते हैं और बैरूनी ममालिक के शहरियों की इंटरनेट सरगर्मियों पर नज़र रखी जा सकती है । इन इन्केशाफ़ात ने अमेरीकी इंटेलीजेंस शोबा को दहलाकर रख दिया है और ये सवालात उभर रहे हैं कि क्या नेशनल सेक्युरिटी एजेंसी अमेरीकी शहरियों की हक़ आज़ादी को सल्ब कर रही है ।

स्नोडेन पर सरकारी मालूमात का सरका , क़ौमी दिफ़ाई मालूमात की ग़ैर मजाज़ तरसील और इंटेलीजेंस इत्तेलाआत के दानिस्ता तौर पर अफ़शा का इल्ज़ाम है । स्नोडेन (Snowden) ने अमेरीका की जानिब से इसका पासपोर्ट मंसूख़ किए जाने के बाद इक्वाडोर में पनाह के लिए दरख़ास्त दायर की थी और अब इस ने रूस में सियासी पनाह की दरख़ास्त दी है ।