अमेरीका, रूस फ़्रांस के साथ हिंदूस्तानी फ़ौज की जंगी मश्क़ें

नई दिल्ली ३० जनवरी (पी टी आई) अमेरीका, रूस फ़्रांस और चंद पड़ोसी दोस्त ममालिक के बिशमोल दुनिया के ताक़तवर ममालिक के साथ हिंदूस्तानी फ़ौज की जंगी मश्क़ें शुरू होंगी। मुल्क में दहश्तगर्दी से निमटने और शहरी तशद्दुद के ख़िलाफ़ कार्यवाईयों के ज़रीया गुज़श्ता पाँच दहों से तजुर्बा रखने वाली हिंदूस्तानी फ़ौज बड़े ममालिक के साथ मिल कर जंगी मश्क़ें करेगी।

जारीया साल फ़ौज के तक़रीबन 15 जंगी मश्क़ें होंगी। बंगला देश जैसे हमसाया दोस्त ममालिकों के साथ और आलमी सतह पर दीगर अहम ममालिक से मिल कर भी ये जंगी मश्क़ें की जाएंगी। बंगला देश और सिंगापुर के बिशमोल दीगर ममालिक के साथ मुशतर्का तर्बीयत हासिल की जाएगी। दोस्त मुल्कों के साथ की जाने वाली जंगी मश्क़ का नाम ठोस करोकशतरा है।

ये जंगी मश्क़ें मार्च में झांसी के क़रीब बयाबाना में किया जाएगा। दोनों जानिब की फ़ौजी दस्ते अपने तर्बीयती प्रोग्राम में फ़न्नी फोर्सेस को शामिल करेंगे। इन जंगी मश्क़ों की तवारीख़ और नौईयत का हनूज़ कोई फ़ैसला नहीं किया गया है। अलबत्ता इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी मश्क़ के इलावा शहरी इलाक़ों की गड़बड़ से निमटने ये मश्क़ भी की जाएगी।

हिंदूस्तानी फ़ौज के सिपाही राजस्थान के सहरा में अमरीकी फ़न्नी फोर्सेस के साथ मश्क़ करेंगे। ये मश्क़ युद्ध अभ्यास के नाम से होगी। जिस में अमेरीका पहली मर्तबा अपने दबाबे शामिल करेगा। अमरीका ने हिंदूस्तानी फ़ौज के साथ युद्ध अभ्यास 2009 की जंगी मश्क़ में भी हिस्सा लिया था। इस वक़्त इस ने अपने असटराइकर अनफ़नटरी बकतरबंद गाड़ीयों को शामिल किया था।

बैरूनी सरज़मीन पर उस की इस की बकतरबंद गाड़ियां पहली मर्तबा हिस्सा ली थीं। हिंदूस्तानी फ़ौज अपने मेकानाइज़ड एनफ़नटरी बटालियनस के साथ जंगी मश्क़ों में हिस्सा लेगी। इस तरह की मश्क़ें फ़्रांस और रूस के साथ भी करने का मंसूबा है। गुज़श्ता साल अक्टूबर में हिंदूस्तानी और फ़्रांस की फ़ौज के सिपाहीयों ने मुशतर्का मश्क़ शक्ति 2000 को उत्तराखंड के रानी कट पहाड़ीयों में अंजाम दी थी।

हिंदूस्तान और रूस के दरमयान मुशतर्का जंगी मश्क़ों की सीरीज़ इंदिरा का चौथा मरहला उत्तराखंड में ही 2010 में मुनाक़िद हुआ था।