अमेरीकी फ़ौजीयों की ग़ैर इंसानी हरकत

अमेरीकी फ़ौजीयों की ग़ैर इंसानी हरकतें एक बार फिर सामने आई हैं। एक नए वीडीयो में इन्किशाफ़ हुआ है कि अमेरीकी मैरीनस ने अफ़्ग़ानिस्तान में तालिबान जंगजूओं की नाशों और बाअज़ ज़ख़मी तालिबान पर पेशाब कर रहे हैं और उन पर ताने और फ़िक़रे कस रहे हैं।

इस वीडीयो पर हंगामा आराई हो रही है । ये इतनी गिरी हुई और अख़लाक़ से आरी ग़ैर इंसानी हरकत है कि हर ज़ी शऊर और तहज़ीब वाला मुआशरा इस हरकत की शदीद मुज़म्मत करना अज़रोरी समझेगा ।

 

ना सिर्फ अफ़्ग़ानिस्तान बल्कि अमेरीका में भी मुस्लिम लॉबी ने भी शदीद एहतिजाज किया है जिस के बाद मुताल्लिक़ा अमरीकी हुक्काम का ये ऐलान सामने आया है कि इस वीडीयो की तहक़ीक़ की जाएगी कि ये हक़ीक़ी है या नहीं । इस तरह अमरीका बिलवासता तौर पर इस वाक़िया के हक़ीक़ी होने पर सवाल उठाते हुए अपने इंसानियत सोज़ हरकतें करने वाले फ़ौजीयों को की पर्दापोशी करने की कोशिश की है ।

 

अमेरीका ने इस वाक़िया की तहक़ीक़ात करने की बजाय वीडीयो की सच्चाई का पता चलाने का इरादा ज़ाहिर किया है हालाँकि ये एक नाक़ाबिल तरदीद हक़ीक़त है कि ये हरकत एक तरह से अमरीकी-ओ-मग़रिबी तहज़ीब की अक्कासी करती है और यही इस तहज़ीब का हिस्सा है । इस के इलावा इराक़ की अब्बू ग़रीब जेल में जो ग़ैर इंसानी और अख़लाक़ सोज़ हरकतें सामने आई हैं वो भी इस वाक़िया की सदाक़त को साबित करने के लिए सबूत और मिसाल हो सकती हैं।

होना तो ये चाहीए था कि फ़ौरी इन फ़ौजीयों का पता चलाते हुए उन के ख़िलाफ़ सख़्त तरीन कार्रवाई की जाती । अमरीकी ओहदेदारों ने इस सिलसिला में अफ़्ग़ानिस्तान के सदर हामिद करज़ई से भी फ़ोन पर बातचीत करते हुए इन का ग़म-ओ-ग़ुस्सा भी कम करने की कोशिश की है लेकिन अभी फ़ौरी तौर पर इस शर्मनाक हरकत करने वाले फ़ौजीयों के ख़िलाफ़ जो उन के हुलिए और हथियारों के मुताबिक़ इलियट निशाना बाज़ टीम के अरकान हैं किसी तरह की कार्रवाई का कोई इशारा नहीं दिया गया है ।

दुनिया भर में जितने भी नाज़रीन ने इस वीडीयो का मुशाहिदा किया है वो सभी उस की मुज़म्मत कर रहे हैं और अमरीकी-ओ-योरोपी मुआशरा की बुराईयों और बदकारियों पर इन का सर भी शर्म से झुक रहा है । वीडीयो के मुताबिक़ एक अमेरीकी फ़ौजी ना सिर्फ उन नाशों पर पेशाब कर रहा था बल्कि ऐसी शर्मनाक हरकत करके वो उन्हें मुबारकबाद भी दे रहा था ।

 

इस से ज़ाहिर होता है कि ऐसी हरकत से उसे किसी तरह की श्रम या ग़लती का एहसास तक नहीं है बल्कि वो मज़ीद शर अंगेज़ी करते हुए इस पर मुबारकबाद भी दे रहा है ।

ये पहला मौक़ा नहीं है जब अमेरीकी फ़ौजीयों ने इस तरह की ग़ैर अख़लाक़ी हरकतें की हैं और ये हरकतें सारी दुनिया के सामने भी आगई हैं। इराक़ की अब्बू ग़रीब जेल में भी क़ैदीयों के साथ जो ग़ैर इंसानी हरकतें हुई थीं उन से भी सारी दुनिया में हंगामा आराई हुई थी ।

इस जेल में भी ना सिर्फ क़ैदीयों के साथ ग़ैर इंसानी सुलूक किया गया बल्कि ख़ुद फ़ौजीयों ने एक दूसरे के साथ जो नाक़ाबिल ब्यान और शर्मनाक हरकतें की थीं वो भी ढकी छिपी नहीं हैं । यहां कई ख़ातून फ़ौजी अहलकारों के साथ ख़ुद उन के साथी फ़ौजीयों ने जो सुलूक और जो हरकतें की थीं वो भी नाक़ाबिल ब्यान हैं।

अब्बू ग़रीब जेल में क़ैदीयों को जो अज़ीयतें दी गईं वो दुनिया के किसी भी क़ानून के मुताबिक़ दरुस्त नहीं होसकतीं लेकिन इन फ़ौजीयों के ख़िलाफ़ भी अमरीका या इस के हव्वारी ममालिक ने किसी तरह की मुनासिब कार्रवाई करने से गुरेज़ ही किया है ।

 

इस के इलावा ग्वांतानामो बे की बदनाम-ए-ज़माना जेल में भी क़ैदीयों के साथ ग़ैर इंसानी सुलूक के वाक़ियात ज़बान ज़द ख़ास-ओ-आम हैं। अमेरीकी सदर बारक ओबामा हो कि बर्तानवी वज़ीर-ए-आज़म डेव कैमरोन हो या फिर फ़्रांस के सदर नकोलस सरकोज़ी हो सभी वक़फ़ा वक़फ़ा से इराक़ और अफ़्ग़ानिस्तान में अपने अपने फ़ौजीयों की हौसला अफ़्ज़ाई के नाम पर वक़फ़ा वक़फ़ा से उन ममालिक का दौरा करते हुए उन की पीठ ठोंकते हैं

शायद यही वजह है कि ये फ़ौजी इस तरह की इंसानियत सोज़ और हद दर्जा शर्मनाक हरकतें करते हुए भी किसी तरह के पछतावे का शिकार नहीं होते बल्कि ऐसा ज़ाहिर करते हैं कि उन्हें उन की इस हरकत पर फ़ख़र है।

ये ज़हनी सोच दर असल मग़रिबी मुआशरा के बेनंग-ओ-नाम होने का सबूत है ।

दुनिया भर में ख़ुद को मुहज़्ज़ब समाज के तौर पर पेश करने वाले मुआशरा की ये ग़ैर मुहज़्ज़ब और ग़ैर इंसानी-ओ-शर्मनाक हरकत उन के दावों की क़लई खोलने केलिए काफ़ी है । इस के इलावा अमरीकी-ओ-दीगर हव्वारी ममालिक के सरबराहान हुकूमत को भी अब अपनी सोचों में तबदीली लानी होगी और अपने फ़ौजीयों की हौसला अफ़्ज़ाई की बजाय इस तरह की ग़ैर इंसानी हरकतें करने वाले फ़ौजीयों के ख़िलाफ़ सख़्त तरीन कार्रवाई करते हुए दूसरों केलिए मिसाल क़ायम करनी चाहीए।

पूरी दियानतदारी के साथ इस वाक़िया की तहक़ीक़ात होनी चाहिऐं और ख़ाती फ़ौजीयों को कैफ़र-ए-किरदार तक पहूँचाने के लिए जरातमनदाना इक़दामात किए जाने चाहिऐं। इस वीडीयो से अमरीकी फ़ौजीयों का जिस तरह का किरदार खुल कर सामने आया है वो दुनिया के किसी भी मुल्क में और किसी भी तरह के हालात में काबिल-ए-क़बूल नहीं कहा जा सकता और ना इस का कोई जवाज़ हो सकता है ।

मग़रिबी मुआशरा अगर वाक़्यता ख़ुद को मुहज़्ज़ब समाज के तौर पर पेश करना चाहता है तो उसे चाहीए कि इस वाक़िया की सख़्त तरीन अलफ़ाज़ में ना सिर्फ मुज़म्मत करे बल्कि उन ख़ाती फ़ौजीयों के ख़िलाफ़ क़रार वाक़ई कार्रवाई भी की जाय ।