वाशिंगटन, 29 अगस्त: अमेरीका की एक फौजी अदालत ने फौज के एक साबिक Psychologist को ज़हर का इंजेक्शन देकर मौत देने की सज़ा सुनाई है, इस Psychologist पर टेक्सास के फौजी ठिकाने पर 13 जवानों के कत्ल और 32 को ज़ख़्मी करने का इल्ज़ाम है|
मेजर निदाल हसन को नवंबर 2009 के आखिर हफ्ते में फ़ोर्ट हुड में हुई गोलीबारी के लिए गुनाहगार ठहराया गया था |वर्जीनिया में पैदा हुए निदाल हसन ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में तैनात होने वाले फौजियों से तालिबानी शिद्दतपसंदो को बचाने के लिए गोलीबारी की जूरी ने बुध के दिन दो घंटे तक बात चीत के बाद सज़ा सुनाई|
फौजी अदालतों में अपील की लंबी कार्रवाई की वजह से मेजर हसन को सज़ा-ए-मौत देने में कई साल तक का वक्त लग सकता है. सदर की ओर से मंजूरी मिलने के बाद ही उन्हें सज़ा-ए-मौत दी जाएगी |
बुध के दिन सज़ा सुनाए जाने से पहले प्रासीक्यूटर कर्नल माइक मुलिगन ने जूरी के मेम्बरों से मौत की सज़ा देने की मांग की उन्होंने कहा, वह कभी शहीद नहीं होंगे, मेजर हसन एक मुल्ज़िम हैं वह एक कातिल हैं |
इस मुकदमे में मेजर हसन ने अपना बचाव खुद किया, उन्होंने ज़्यादा कुछ बोलने से इनकार करते हुए सिर्फ इतना कहा, मेरे पास कोई फैसलाकुन बयान नहीं है |
अमरीका में 1961 के बाद से किसी फौजी को सज़ा-ए-मौत नहीं दी गई है मेजर हसन ने फोर्ट हुड फौजी ठिकाने पर गोलीबारी की थी जहाँ बैरून में तैनाती से पहले फौजियो का तख्सीस किया जा रहा था |
हमले के लिए उन्होंने काफी एहतियात से तैयारी की उन्होंने कुल 146 गोलियां चलाईं फ़ायरिंग तब खत्म हुई जब एक पुलिस आफीसर ने उन्हें गोली मार दी गोली लगने की वजह से उनके कमर से निचले हिस्से में लकवा ( Paralysis) मार गया था और अब वो एक ह्वीलचेयर के सहारे चलते हैं|