अमेरीकी सिपाहीयों को मौत के घाट उतार दो

अफ़्ग़ानिस्तान में क़ुरआन मजीद की बेहुर्मती के ख़िलाफ़ ब्रहम अवाम का एहतिजाज आज तीसरे दिन भी शिद्दत इख्तेयार कर गया। हज़ारों ब्रहम एहितजाजियों ने अमेरीका के ठिकाने का मुहासिरा कर लिया। इसकी बाहरी दीवारों पर संगबारी की और दीवारों पर चढ़ कर हमले किए।

क़ुरआन मजीद को नाटो अफ़्वाज की जानिब से बिगराम फ़िज़ाई पट्टी पर नज़र-ए-आतिश करने के गुस्ताखाना वाक़िया के बाद अवाम शदीद एहतिजाज कर रहे हैं। कल के एहतिजाज में कम अज़ कम 12 अफ़राद हलाक हो गए थे। आज तीसरे दिन भी अवाम के ग़म-ओ-ग़ुस्सा की इंतिहा रही।

इससे चंद घंटे कब ही तालिबान ने अफ़्ग़ान बाशिंदों पर ज़ोर दिया था कि वो अमेरीकी फ़िज़ाई पट्टी पर क़ुरआन मजीद को नज़र-ए-आतिश कर देने का इंतेक़ाम लें और अमेरीकीयों पर हमले करें और बैरूनी अफ़्वाज को हलाक कर दें। इस बोहरान पर क़तर में अमेरीकी ओहदेदारों के साथ मुज़ाकरात को भी तालिबान ने मुनक़ते कर दिया है।

अफ़्ग़ानिस्तान कट्टर मज़हबी मुल्क है जहां इस्लाम के ख़िलाफ़ किसी भी किस्म के इहानत को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं किया जाता है। यहां अक्सर पुरतशदुद एहितजाजी मुज़ाहिरे होते हैं। काबुल के शुमाली इलाक़ा में अमेरीकी बिगराम फ़िज़ाई पट्टी पर क़ुरआन मजीद के जले हुए नुस्ख़ों को अफ़्ग़ान बाशिंदों ने बरामद कर लिया है।

इससे अवाम में मज़ीद ग़म-ओ-ग़ुस्सा देखा गया। मथुरा लिम में हज़ारों एहतिजाजी अवाम ने अमेरीकी ज़ेर-ए-क़ियादत फ़ौजी , सीवीलीयन, प्रोफेशनल री कंस्ट्रक्शन टीम के ठिकाने का मुहासिरा कर लिया। मथुरा लिम काबुल के मशरिक़ में वाक़िया लघमन सूबा का दार-उल-हकूमत है।

पुलिस के सीनीयर ओहदेदार ख़लील अलरहमान त्याज़ी ने बताया कि एहतिजाज के लिए लघमन से अवाम यहां जमा हुए थे। अवाम ने इस सेंटर पर हमला किया। दीवारों पर चढ़ कर मुज़ाहिरे किए। उन्होंने यहां कुछ चीज़ें भी नज़र-ए-आतिश की हैं। मैं समझता हूँ कि उन्होंने एक कंटेनर को आग लगाई है।

इस ठिकाने से की गई फायरिंग में कम अज़ कम 3 अफ़राद हलाक हुए। एहतिजाज के दौरान हलाक होने वालों की तादाद अब 12 हो गई है। मुख़ालिफ़ अमेरीकी आग को भड़काने का मौक़ा तलाश करते हुए तालिबान ने अफ़्ग़ानियों पर ज़ोर दिया है कि वो सिर्फ़ एहतिजाज के बाद अपने जज़बा ईमानी के मुज़ाहिरे को ख़तम ना करें बल्कि अमेरीका से इंतेक़ाम लें और नाटो सिपाहीयों को हलाक करें।

2001 में अमेरीकी जंग के बाद यहां अमेरीका के ख़िलाफ़ 10 साल से जारी शोरिश पसंदी की क़ियादत करते हुए इस्लाम पसंदों ने अपनी तहरीक को मज़बूत बना लिया है। तालिबान ने कहा कि मुक़द्दस किताब क़ुरआन मजीद की बेहुर्मती करने वालों को सख़्त सज़ा दी जाए ताकि आइन्दा कोई ऐसी गुस्ताख़ी ना करे।

इन लोगों को सबक़ सिखाओ और उन्हें क़त्ल कर दो। अमेरीकी फ़ौजी क़ातिलों पर हमले करो और उन्हें यरग़माल बना लो। तालिबान के तर्जुमान ज़बीह-उल्लाह मुजाहिद ने ए एफ़ पी को बताया कि क़ुरआन मजीद को नज़र-ए-आतिश करने से क़तर में अमेरीकी ओहदेदारों के साथ तालिबान की बातचीत मुतास्सिर होगी।

ये मुज़ाकरात क़ैदीयों के तबादले के लिए की जा रही थी। सदर अफ़्ग़ानिस्तान हामिद करज़ई ने अवाम से सब्र-ओ-तहम्मुल से काम लेने की अपील की। उन्होंने अपने सिक्योरिटी फोर्सेस को हुक्म दिया है कि वो तशद्दुद से गुरेज़ करें और अवाम की ज़िंदगीयों और इमलाक का तहफ़्फ़ुज़ करें।