अयोध्या: धारा 144 लागू होने के बावजूद VHP ने निकाला बाइक रैली

अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाली विश्व हिंदू परिषद की धर्म सभा और उससे पहले 24 और 25 नवंबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम को लेकर काफी सरगर्मी है। भीड़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन सतर्क है तो अयोध्यावासी परेशान और हैरान हैं। पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।

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शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे 24 और 25 नवंबर को अपने सांसदों, विधायकों और समर्थकों के साथ अयोध्या पहुंच रहे हैं और वहां संतों से बातचीत करके वो राम मंदिर के निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। शिवसेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने अयोध्या में पत्रकारों को बताया कि इसके जरिए वो मंदिर निर्माण के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे।
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महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में शिवसैनिक अयोध्या पहुंच रहे हैं और इसके लिए कई जगहों से विशेष ट्रेनें भी बुक कराई गई हैं। संजय राउत का कहना था कि वो लोग सरकार पर दबाव डालेंगे कि यदि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देर हो रही है तो सरकार कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करे। शिवसेना ने इसके लिए नारा भी दिया है- ‘पहले मंदिर, फिर सरकार।

शिवसेना प्रमुख का ये कार्यक्रम पहले से तय था लेकिन इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने भी 25 नवंबर को ही धर्म सभा का एलान करके माहौल को और गरम कर दिया है।

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धर्म सभा का भी मकसद वही है जो शिवसेना का, यानी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव बनाना। लेकिन वीएचपी दबाव किस पर बनाएगी, इसका जवाब उसके पास नहीं है। क्योंकि जिस बीजेपी की केंद्र और राज्य में सरकार है, वो उसकी सहयोगी समझी जाती है।

लेकिन, इन सब हलचलों से अयोध्या में स्थिति कुछ तनावपूर्ण सी है। शहर के लोग इस बात से डरे हैं कि कहीं 1992 जैसी कोई घटना न हो जाए और फिर उन लोगों को महीनों परेशानी का सामना करना पड़े। मुस्लिम समुदाय तो खासतौर पर डरा हुआ है।

बाबरी मस्जिद के मुख्य पैरोकार इकबाल अंसारी ने तो डर के मारे अयोध्या छोड़ने तक की धमकी दे दी थी, लेकिन उनकी सुरक्षा बढ़ा देने के बाद फिलहाल वो शांत हैं।

वीएचपी की धर्मसभा में दो लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है तो शहर के लोग इन आयोजनों को लेकर काफी आशंकित हैं। स्थिति यहां तक आ गई है कि हिंदू और मुस्लिम परिवारों ने तनाव और हालात बिगड़ने के डर से घरों में राशन जमा करना शुरू कर दिया है।

उद्धव ठाकरे अपने समर्थकों के साथ शनिवार यानी 24 नवंबर को कलश लेकर मुंबई से अयोध्या के लिए रवाना होंगे। मिट्टी के इस कलश को ठाकरे राम जन्मभूमि स्थल के महंत को सौंपेंगे। अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के साथ ही वो सरयू नदी के तट पर पूजा करेंगे।

अयोध्या आने वाली सड़कों के किनारे और शहर के भीतर हर जगह धर्म सभा और शिवसेना के कार्यक्रमों से संबंधित बैनर और होर्डिंग्स ही दिख रहे हैं। धर्म सभा से संबंधित पोस्टर, बैनर और होर्डिंग्स तो राज्य के करीब हर शहर में देखी जा सकती हैं और कई दिनों से ‘अयोध्या चलो’ नारे के साथ बाकायदा अभियान चलाया जा रहा है।

पूरे शहर में राज्य पुलिस के अलावा सीआरपीएफ और पीएसी की चप्पे-चप्पे पर भारी तैनाती की गई है। पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है और अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्थिति में किसी को समूह में कहीं प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। हालांकि फैजाबाद के कमिश्नर मनोज मिश्र का कहना है कि रामलला के दर्शन के मकसद से जो भी जाएगा, उसे रोका नहीं जाएगा।

दरअसल, विश्व हिंदू परिषद ने धर्म सभा के कार्यक्रम की घोषणा अचानक ही की जबकि शिवसेना का कार्यक्रम पहले से तय था। जानकारों के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया ताकि राममंदिर जैसा अहम मुद्दा उसके हाथ से कहीं कोई और न खींच ले।

अयोध्या के स्थानीय पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव कहते हैं कि विहिप के इस कार्यक्रम को कहीं न कहीं प्रशासन का सहयोग जरूर मिल रहा है। उनके मुताबिक यही वजह है कि शहर में धारा 144 लागू होने के बावजूद गुरुवार को वीएचपी को रोड शो करने से रोका नहीं जा सका। इस रोड शो में ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ जैसे नारे भी लग रहे थे और ये रोड शो शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों से होकर भी गुजरा था।

अयोध्या के कुछ साधु-संत और व्यापारी वीएचपी की इस सभा का विरोध भी कर रहे हैं। व्यापारियों के विरोध की वजह ये है कि कहीं इसके कारण 1992 जैसी कोई घटना न हो जाए।