अयोध्या: अयोध्या विवाद भारत के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और देश की राजनीति को एक लंबे अरसे से प्रभावित करता रहा है. इसी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने आज फैजाबाद में एक बड़ा बयान दिया है. उमा भरती का मानना है कि वहां पर अब सारा विवाद केवल जमीन के मालिकाना हक को लेकर है, राम मंदिर को लेकर कोई भी विवाद नहीं है. उनहोंने कहा कि इस विवाद का हल कोर्ट के बाहर भी संभव है अगर चाहें तो.
प्रदेश 18 के अनुसार, उमा भारती ने कहा कि राम व गंगा देश में कोई राजनीतिक एजेंडा नही हैं, यह तो जीवन मरण का सवाल है. अब राजनीतिक पार्टियां इन मुद्दों पर कमेंट न ही करें तो बेहतर है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के नोटबंदी के निर्णय से देश की जनता को उतनी परेशानी नहीं है, जितनी कि मायावती और मुलायम सिंह यादव को है. यह परेशान इसलिए हैं क्योंकि इन लोगो के पास ही सर्वाधिक धन है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बारे में उनहोंने यहाँ तक कह डाला कि अखिलेश यादव तो मुलायम सिंह की कमाई खा रहे हैं. उन्होंने तो अपने जीवन में अपने बल पर कुछ भी नहीं किया है.
जबकि सच्चाई क्या है ये तो खुली किताब की तरह देश की जनता के सामने है अगर सत्ताधारी पार्टी के नेता इसपर लिपा पोती करे, ये तो उनकी पुरानी आदत है .
ऊलेख्नीय है कि अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया जिसे कुछ हिंदू अपने आराध्य देवता राम का जन्म स्थान मानते हैं. जबकि वहां मुग़ल सम्राट बाबर ने यह मस्जिद बनवाई थी जिस कारण इसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था. इसपर भारतीय जनता पार्टी और विश्वहिंदू परिषद सहित कई हिंदू संगठनों का दावा है कि हिंदुओं के आराध्यदेव राम का जन्म ठीक वहीं हुआ जहाँ बाबरी मस्जिद थी. साथ ही उनका दावा है कि बाबरी मस्जिद दरअसल एक मंदिर को तोड़कर बनवाई गई थी और इसी दावे के चलते छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई.