प्रयागराज में आयोजित परम धर्म संसद के आखिरी दिन संतों ने राम मंदिर निर्माण को लेकर एक प्रस्ताव पास किया है. इसमें कहा गया है कि 21 फरवरी से अयोध्या में मंदिर निर्माण का निर्माण शरू हो जाएगा. इसके साथ ही शंकराचार्य स्वरूपानंद ने राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिन्दू परिषद पर बड़ा आरोप लगाया है.
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने धर्म संसद में आए सभासदों से कहा कि विश्व हिन्दू परिषद राम मंदिर निर्माण पर राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में मस्जिद नहीं, बल्कि मंदिर तोड़ा गया था.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दो धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने जिस धर्म संसद का आयोजन किया गया है, वह 28 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी को समाप्त हो रही है.
शंकराचार्य स्वरूपानंद ने केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में गैर विवादित भूमि लौटाने का आवेदन देने पर कहा कि राम जन्मभूमि छोड़कर दूसरी जगह पर मंदिर निर्माण की साजिश रची जा रही है.
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या जाकर संत समाज राम जन्मभूमि में मंदिर का शिलान्यास करेगा.
शंकराचार्य स्वरूपानंद द्वारा बुलाई गई इस परम धर्म संसद के समापन पर 21 फरवरी से राम मंदिर निर्माण करने का फैसला लिया गया. इसमें कहा गया है कि 21 फरवरी को मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जाएगी.
बता दें कि विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित धर्म संसद 31 जनवरी से शुरू होगी और 1 फरवरी को खत्म होगी. खबरों के मुताबिक, गुरुवार से शुरू हो रहे विहिप की धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत दोनों दिन मौजूद रहेंगे. पहले से तय मुद्दों के अलावा भी संत नए मुद्दे इस संसद में रख सकते हैं.