उत्तर प्रदेश के पार्लीमानी मामलात के वज़ीर आजम खां ने इल्ज़ामआरोप लगाया कि बीजेपी राम मंदिर मुद्दे को लेकर सामाजी माहौल बिगाड़ने और नफरत फैलाने के लिए जिंदा रखना चाहती है| आजम ने कहा, अयोध्या में तो 22 सितंबर 1949 को ही मंदिर बन गया था| बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद छह दिसम्बर 1992 से वहां बाकायदा मंदिर है| वहां मंदिर तो पहले से है|
आजम ने यह बात हाल ही में अयोध्या दौरे पर गवर्नर राम नाईक के इस तब्सिरे के ताल्लुक में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि पीएम मोदी पांच साल के अंदर मंदिर मुद्दे के हल के लिए एक मुहिम बना रहे हैं| आज़म ने बीजेपी पर सामाजी माहौल बिगाड़ने का इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि, वहां जब पहले से मंदिर है तो फिर वे वहां और क्या बनाना चाहते हैं|
बाबरी मस्जिद की शहादत के बाद वह मुद्दा फौत शुदा हो चुका है| वे(बीजेपी) इस मुद्दे को सामाजी माहौल बिगाड़ने और नफरत फैलाने के लिए जिंदा रखना चाहते हैं|
उन्होंने बहरहाल गवर्नर के तब्सिरे पर बोलने से इनकार करते हुए कहा कि गवर्नर का ओहदा सबसे ऊपर होता है, क्योंकि वह किसी सियासी पार्टी या किसी खुसूसी फिर्के का शख्स नहीं माना जाता| बीजेपी लीडरों के इस इल्ज़ामात पर कि उनके पार्टी कारकुनो को फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है, आजम ने कहा, जब वे गुंडागर्दी करेंगे, अफरा तफरी फैलाएंगे, मआशरे को तक्सीम करने की कोशिश करेंगे तो उनके खिलाफ मुकदमे कायम करने के अलावा और क्या किया जा सकता है|