मुंबई 26 दिसंबर:अयोध्या के मुक़ाम पर राम मंदिर की तामीर को शिव सेना ने एक क़ौमी काम क़रार देते हुए कहा कि जो लोग लार्ड राम के आशीर्वाद से इक़तिदार पर आए हैं, उन्हें चाहीए कि अब इन (लार्ड राम) की जिलावतनी (बन-बास) ख़त्म करें।
शिव सेना ने अयोध्या में मंदिर की तामीर की तैयारीयों के नाम पर पत्थर जमा करने की मुहिम पर तंज़ करते हुए मुतालिबा किया कि मंदिर की तामीर के लिए पत्थर जमा करने के बजाये पहले तारीख़ का एलान किया जाये। शिव सेना के तर्जुमान मराठी रोज़नामा सामना ने अपने ईदारिया(editorial) में लिखा कि लार्ड राम का मंदिर तामीर करना एक क़ौमी काम है।
मर्कज़ और महाराष्ट्र में बी जे पी ज़ेर-ए-क़ियादत हुक्मराँ इत्तिहाद की अहम हलीफ़ जमात शिव सेना अपने अख़बार के इस ईदारिया में लिखा कि हम भी अयोध्या में राम मंदिर चाहते हैं लेकिन हमारे लार्ड राम एक बे-घर की तरह मंदिर में रह रहे हैं। लार्ड राम के मंदिर की इस हालत पर बरसर-ए-इक़तिदार अफ़राद को श्रम आनी चाहीए।
शिव सेना ने बी जे पी की तन्ज़ीमों विश्व हिंदू परिषद की सरगर्मीयों को तंज़ का निशाना बनाते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में 2017 के दौरान होने वाले असेंबली चुनाव के मुसलसिले इस मसले को उठाया जाने लगा है।
राम मंदिर की तामीर के लिए इस मुक़ाम पर पत्थर भी पहुंचने लगे हैं। शिव सेना ने अपने कहा कि कई साल से हम ये देखते रहे हैं कि (चुनाव के दौरान) माहौल को ख़ूब गर्माया जाता रहा है और यही हाल हम अब फिर देख रहे हैं।
इन सरगर्मीयों के ज़रीये अगरचे ये भरोसा देने की कोशिश की जा रही कि इस मुक़ाम पर राम मंदिर की तामीर शुरू की जा सकती है लेकिन अमलन अदालती फ़ैसले के बग़ैर कोई इमकान नहीं है।