लखनऊ: रामायन सिर्फ़ धार्मिक या भाषाई मतभेद की सीमा में ही बंद नहीं की जा सकती। यह सीमाओं द्वारा भी पॉलिश्ड है। पहली बार लगभग 12 मुस्लिम कलाकार इंडोनेशियाई दर्शकों में भाग लेंगे और अयोध्या और लखनऊ में रामायन के विचार पेश करेंगे। इंडोनेशिया की राम लीला समीती इन दृश्यों को अयोध्या और लखनऊ में13 से 14 सितंबर पेशकश करेगी।
यूपी संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि तमाम फ़नकार मुसलमान हैं। उनमें से कोई भी मांस खाने वाला नहीं है। वो हिंसा की किसी भी प्रकृति को पहचानते नहीं करते। उन्होंने कहा कि ये पहली बार है जबकि राम लीला का राज्य में रामलाल की व्यवस्था की जा रही है।
कलाकार लखनऊ में 13 सितंबर को और अयोध्या में 15 सितंबर को अपनी कला प्रदर्शन करेंगे। राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार सांस्कृतिक एकजुटता का संदेश व्यक्त करना चाहती है, हालांकि इंडोनेशियाई देश की सबसे अधिक आबादी वाला जनसंख्या है|
अयोध्या में, यह कार्यक्रम स्वामी वोकानंद ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा जो उत्तर विश्वविद्यालय में है। उपकुलपति प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने कहा कि कई सबक मिल सकते हैं। रामलाला एक मजबूत सांस्कृतिक लिंक इंडोनेशिया के साथ है कई कलाकार मुसलमान हैं, लेकिन वे अपने सांस्कृतिक अतीत को प्यार करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी 65 देशों में रामला के विचार पेश करना चाहते हैं। यह कार्यक्रम अयोध्या क्षेत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।