अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर चल रहे बयानबाज़ी के बीच दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने अयोध्या में राम मंदिर की जगह सभी पक्षों की सहमति के साथ विश्वविद्यालय बनाने की वकालत की है.
एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में सिसोदिया ने कहा कि अयोध्या में विश्वविद्यालय क्यों न बना दिया जाए.
एनडीटीवी से बातचीत में मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘दोनों पक्षों से बात की जाए और अगर हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्ष सहमत हो तो वहां एक विश्वविद्यालय का निर्माण होना चाहिए और वहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई के अलावा विदेशी लोगों को भी शिक्षा देनी चाहिए. राम राज्य मंदिर बनाने से नहीं बल्कि शिक्षा से आएगा.’
मालूम हो कि सिसोदिया का यह बयान ऐसे समय आया है, जब 2019 लोकसभा चुनाव से पहले तमाम हिंदूवादी संगठन और संत समाज के अलावा शिवसेना मोदी सरकार पर मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने का लगातार दबाव बना रहे हैं.
बीते दिनों शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या पहुंच कर कहा है कि पहले मंदिर निर्माण होगा फिर सरकार बनेगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में विवादित भूमि को लेकर चल रहे मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होनी है.
इस बीच बीते दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह” अमित शाह ने स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी भाजपा इस मामले में अदालत की सुनवाई का इंतज़ार करेगी.
अमित शाह ने कहा था कि भाजपा शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए कोई बिल या अध्यादेश नहीं लाएगी बल्कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही जनवरी के सुनवाई का इंतज़ार करेगी.