अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में सयान्ती इंतेज़ामात में इज़ाफ़ा

दहशतगर्द तंज़ीमों के हमले का अंदेशा

अयोध्या, वाराणसी और मथुरा के मज़हबी मुक़ामात के हिफ़ाज़ती इंतेज़ामात में शिद्दत पैदा करदी जाएगी क्योंकि महिकमा सुराग़ रसानी ने इत्तेला दी है की दहशतगर्द तंज़ीमें उन पर हमला करसकती हैं। ये फ़ैसला आज मुनाक़िदा एक इजलास में किया गया जिस की सदारत मर्कज़ी मोतमिद दाख़िला अनील गोस्वामी ने की थी और डी जी पी सी आर पी एफ़ दिलीप द्रिवेदी, यू पी के डी जी पी ए आई बनर्जी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी (दाख़िला) दीपक सिंह सिंघल और दीगर शरीक थे।

ज़्यादा तादाद में सी सी टी वी कैमरे और दीगर बर्क़ी आलात नई सयान्ती मश्क़ के मुताबिक़ नसब किए जाऐंगे। ये मश्क़ मज़हबी मुक़ामात पर की जाएगी। सी आर पी एफ़ जो मज़हबी मुक़ामात की हिफ़ाज़त कररही है, हिदायत हासिल करचुकी हैकि मज़ीद जमीअत तैनात की जाये और 24 घंटे चौकसी इख़तेयार की जाये ताकि मज़हबी मुक़ामात पर दहशतगरदों के हमले की किसी भी इमकानी कोशिश को नाकाम बनाया जा सके।

अयोध्या और वाराण‌सी में माज़ी में दहशतगर्द हमले होचुके हैं। 5 जुलाई 2005 को 5 दहशतगरदों ने राम जन्मभूमि । बाबरी मस्जिद आरिज़ी इमारत पर हमला किया था, तमाम पांचों दहशतगरदों को सी आर पी एफ़ के साथ फायरिंग के तबादले में गोली मार दी गई थी जबकि एक शहरी दस्ती बम हमले से हलाक हुआ था।

सी आर पी एफ़ के तीन सिपाही भी हलाक होगए थे। दहशतगरदों ने वाराणसी में दो बार धमाके किए थे। जुलाई 2006 में 3 धमाके किए गए थे जबकि आरती उतारी जा रही थी। दिसम्बर 2010 में सीतला घाट से मुत्तसिल दुश् अश्शो मय्यत घाट पर धमाका किया गया था जहां शाम की पूजे का आग़ाज़ होचुका था।

एक दो साला लड़की हलाक करदी गई थी जबकि उसकी माँ दीगर 38 अफ़राद के साथ शदीद ज़ख़मी हुई थी।