मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या मसले पर ट्वीट के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दी। कहा कि श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। समय पर मिला न्याय, उत्तम न्याय माना जाता है। न्याय में देरी कभी-कभी अन्याय के सामान हो जाती है।
उच्चतम न्यायालय में अयोध्या में विवादित भूमि मामले की सुनवाई अगले वर्ष जनवरी तक टलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से लोगों को निराशा होती है, लेकिन कोई न कोई रास्ता अवश्य निकलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संतों को पूरे धैर्य के साथ श्रीराम जन्मभूमि के समाधान की दिशा में होने वाले उन सभी सार्थक प्रयासों में सहभागी बनना चाहिए, जिससे देश में शांति और सौहार्द की स्थापना हो और भारत के सभी संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान का भाव सुदृढ हो। उच्चतम न्यायालय श्रीराम जन्मभूमि का शीघ्र समाधान निकाले।
आस्था के सम्मान-सौहार्द के लिए हर विकल्प पर विचार जरूरी
योगी ने कहा-देश की न्यायपालिका के प्रति सबका सम्मान है और हम भी उन संवैधानिक बाध्यताओं से बंधे हैं। स्वाभाविक रूप से अगर न्याय में देरी होती है तो लोगों को निराशा होती है। उन्होंने कहा, इस समस्या के समाधान के लिए हम लोग व्यापक विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में है, लेकिन देश की शांति और सौहार्द के लिए व्यापक आस्था का सम्मान करने के लिए जो भी विकल्प हो सकते हैं, उन सबपर विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा-अच्छा होता कि न्यायालय इस मामले की जल्दी सुनवाई करके देश के व्यापक सौहार्द और शांति के लिए इस मामले में जल्दी फैसला कर देता, लेकिन मुझे लगता है कि अभी फिलहाल इस तरह की संभावनाएं नहीं दिखती है।