अयोध्या विवाद पर SC कल दोपहर 2 बजे से करेगा सुनवाई

नई दिल्ली. अयोध्या मामले में कल यानी मंगलवार दोपहर 2 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी ये अहम इस लिए भी है कि कोर्ट खुद कह चुकी है कि अब सुनवाई टलेगी नहीं। 7 साल से लंबित यह मामले में 20 पिटीशंस और 90 हजार पेज में गवाहियां दर्ज हैं। इस दौरान 7 चीफ जस्टिस बदले गए। मामले में 7 साल से पेंडिंग 20 पिटीशंस इस साल 11 अगस्त को पहली बार लिस्ट हुई थीं। पहले ही दिन डॉक्यूमेंट्स के ट्रांसलेशन पर मामला फंस गया था। संस्कृत, पाली, फारसी, उर्दू और अरबी समेत 7 भाषाओं में 9 हजार पन्नों का अंग्रेजी में ट्रांसलेशन करने के लिए कोर्ट ने 12 हफ्ते का वक्त दिया था। इसके अलावा 90 हजार पेज में गवाहियां दर्ज हैं। यूपी सरकार ने ही 15 हजार पन्नों के दस्तावेज जमा कराए हैं।

मंगलवार दोपहर 2 बजे कोर्ट नं. 1 में 3 जजों की स्पेशल बेंच सुनवाई शुरू करेगी। सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल और राजीव धवन होंगे। रामलला का पक्ष हरीश साल्वे रखेंगे। कोर्ट देखेगा कि डॉक्यूमेंट्स का ट्रांसलेशन पूरा हुआ है या नहीं। ट्रांसलेशन नहीं होने पर पेंच फंस सकता है, लेकिन अदालत कह चुकी है कि अब सुनवाई नहीं टलेगी। 5 दिसंबर से दलीलें सुनी जाएंगी। सबसे पहले ओरिजनल टाइटल सूट दाखिल करने वाले दलीलें रखेंगे। फिर बाकी अर्जियों पर बात होगी।

30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था। कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ जमीन 3 बराबर हिस्सों में बांट दी थी। अदालत ने रामलला की मूर्ति वाली जगह रामलला विराजमान को दी। सीता रसोई और राम चबूतरा निर्माेही अखाड़े को और बाकी हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया।

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड 14 दिसंबर 2010 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। फिर एक के बाद एक 20 पिटीशंस दाखिल हो गईं। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2011 को हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया, लेकिन सुनवाई शुरू नहीं हुई। इस दौरान 7 चीफ जस्टिस बदले। सातवें चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने इस साल 11 अगस्त को पहली बार पिटीशंस लिस्ट की।

ये होंगे पैनल जज

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा: 3 तलाक खत्म करने और सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े होने जैसे फैसले सुना चुके हैं।

जस्टिस अब्दुल नाजिर: तीन तलाक बेंच में थे। प्रथा में दखल गलत बताया था। प्राइवेसी को फंडामेंटल राइट करार दिया था।

जस्टिस अशोक भूषण: दिल्ली सरकार अौर एलजी के बीच जारी अधिकारों की जंग के विवाद पर सुनवाई कर रहे हैं।