अरकान-ए-पार्लीमैंट के मशाहर में 900 फ़ीसद इज़ाफ़ा

भोपाल 11 सितंबर (पी टी आई) मध्य प्रदेश से ताल्लुक़ रखने वाले क़ानून साज़ों को हासिल होने वाले मशाहर और रियायतों में गुज़श्ता 15 साल के दौरान 900 फ़ीसद तक का रिकार्ड इज़ाफ़ा हुआ है जबकि मुअम्मर अफ़राद के लिए दिए जाने वाले वज़ाइफ़ मामूली हैं। सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वालों के लिए वज़ाइफ़ की रक़म नहीं के बराबर ही। क़ानून साज़ों के लिए तरक़्क़ीयाती फंड्स की इजराई में भी 300 फ़ीसद तक इज़ाफ़ा किया गया है जबकि बुज़ुर्ग शहरी सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारते हुए माहाना सिर्फ़ 275 रुपय का वज़ीफ़ा हासिल कररहे हैं। इन 275 रूपियों मैं रियास्ती हुकूमत अपनी तरफ़ से 75 रुपय अदा करसकती है जबकि मर्कज़ 200 रुपय अदा करता ही। गुज़श्ता 15 सालों के दौरान क़ानून साज़ों की तनख़्वाह एक हज़ार से बढ़ कर 10 हज़ार रुपय होगई है लेकिन मुख़्तलिफ़ अलाॶनसीस की वजह से वुज़रा को माहाना 65 हज़ार रुपय और अरकान असैंबली को माहाना 50 हज़ार रुपय मिलते हैं। मर्कज़ी वज़ारत देही तरक़्क़ी ने 30 जून को जारी करदा अपने अहकाम में बतायाकि मुअम्मरीन का वज़ीफ़ा हासिल करने वालों के लिए दो ज़ुमरे बनाए जाएं एक ज़मुरा ख़ित्ता ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वालों का होना चाआई।
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