अरकान ख़ानदान को मिला कि अफ़ज़ल गुरु को 09-02-13 को 8.00 बजे सुबह फांसी दी जा रही है

श्रीनगर , 12 फरवरी: (पी टी आई) अफ़ज़ल गुरु को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दीए जाने के 51 घंटे बाद उनकी अहलिया को सरकारी इत्तेलानामा मौसूल हुआ जिसमें बताया गया कि अफ़ज़ल गुरु को फांसी दी जा रही है ।

दफ़्तर सुप्रीटेंडेंट जेल नंबर 3 से भेजे गए इस मकतूब में कहा गया कि सदर जम्हूरीया परनब मुखर्जी ने अफ़ज़ल गुरु की दरख़ास्त रहम मुस्तर्द कर दी है चुनांचे 9 फरवरी को 8 बजे सुबह फांसी का वक़्त मुतय्यन किया गया है । ये मकतूब 6 फरवरी 2013 का है जो अफ़ज़ल गुरु की अहलिया तबस्सुम को कल 11 बजे दिन वसूल हुआ।

इस मकतूब में कहा गया कि मुहम्मद अफ़ज़ल गुरु वल्द हबीब उल्लाह की दरख़ास्त मुअज़्ज़िज़ सदर जम्हूरीया हिंद ने मुस्तर्द कर दी है । चुनांचे 9 फरवरी को 8 बजे सुबह जेल नंबर 3 में उन्हें फांसी दी जा रही है। ये इत्तिला आप को मज़ीद ज़रूरी कार्रवाई की ग़र्ज़ से दी जा रही है ।

ये मकतूब स्पीड पोस्ट के ज़रीया भेजा गया । चीफ पोस्ट मास्टर जनरल जम्मू ऐंड कश्मीर सर्किल जान समोयल ने बताया कि जी पी ओ नई दिल्ली में बुकिंग के बाद मकतूब 9 फरवरी को श्रीनगर जी पी ओ को वसूल हुआ चूँकि एतवार को आम तातील थी इसीलिए आज सुबह 11 बजे डाकिया ने उसे दीए गए पते पर पहुंचाया।

मकतूब पर जी एच मुही अली उद्दीन राणे के दस्तख़त दिखाए गए जिन्होंने 11 बजे दिन उसे वसूल किया। नई दिल्ली में मर्कज़ी वज़ीर ए दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने दावा किया था कि मकतूब 7 फरवरी की शब ज़रीया स्पीड पोस्ट रवाना किया गया और उनके पास रसीद की नक़ल है ।

उन्हें ये इत्तिला भी दी गई कि अरकान ख़ानदान से राबिता क़ायम किया गया । शिंदे ने कहा कि अगर अरकान ख़ानदान अफ़ज़ल गुरु की क़ब्र की ज़ियारत के ख़ाहां हों तो इस पर ग़ौर किया जा सकता है ।शिंदे ने कहा कि उन्होंने चीफ मिनिस्टर जम्मू-ओ-कश्मीर उमर अबदुल्लाह को 8 फरवरी की शब फांसी दीए जाने से चंद घंटे क़ब्ल शख़्सी तौर पर वाक़िफ़ कराया।

मर्कज़ के रवाना किए गए मकतूब के बारे में कल उस वक़्त तनाज़ा खड़ा हो गया था जब अफ़ज़ल गुरु के अरकान ख़ानदान ने कहा कि टी वी चैनल्स के ज़रीया ही उन्हें फांसी की इत्तिला मिली। मर्कज़ी मोतमिद दाख़िला आर के सिंह के दावे के बावजूद ख़ानदान ने वाज़िह किया कि उन्हें ऐसी कोई इत्तिला नहीं मिली थी।

चीफ मिनिस्टर उमर अबदुल्लाह ने भी ज़रीया डाक अरकान ख़ानदान को मतला किए जाने पर सवाल उठाया और कहा कि अगर हम किसी के अरकान ख़ानदान को फांसी के बारे में डाक के ज़रीया इत्तिला दे रहे हूँ तो ये सिस्टम की ख़राबी है। अफ़ज़ल गुरु के अरकान ख़ानदान ने इस मुआमला में मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया और कहा कि वो अब तक सदमा से बाहर नहीं आए हैं चुनांचे वो कोई तब्सिरा नहीं करेंगे।

अफ़ज़ल गुरु ने आख़िरी ख़त अहलिया को लिखा

अफ़ज़ल गुरु ने फांसी की सज़ा दीए जाने से चंद घंटे क़ब्ल अपनी अहलिया तबस्सुम को ख़त लिखा था। तिहाड़ जेल के एक आला ओहदेदार ने बताया कि तख़्तादार पर चढ़ाने से पहले अफ़ज़ल गुरु ने अपनी अहलिया को ख़त लिखा। इसने ये ख़त उर्दू ज़बान में तहरीर किया है और जेल हुक्काम मतन को पढ़ नहीं पाए।

ऑपरेशन 3 स्टार

अफ़ज़ल गुरु को तिहाड़ जेल में फांसी दीए जाने के लिए इंतिहाई राज़दारी बरती गई और उसे खु़फ़ीया नाम ऑपरेशन 3 स्टार दिया गया था। सरकारी ज़राए ने बताया कि वज़ारत-ए-दाख़िला और तिहाड़ जेल के चंद आला ओहदेदार ही इस ऑपरेशन से वाक़िफ़ थे जो सदर जम्हूरीया परनब मुखर्जी की जानिब से दरख़ास्त रहम मुस्तर्द किए जाने के दूसरे दिन 4 फरवरी से शुरू हुआ।

इस ऑपरेशन में हर क़दम पर इंतिहाई एहतियात बरती गई ताकि किसी को भी इतेला ना पहुंच सके।