इन दिनों अमेरिकी विदेश मंत्री सऊदी दौरे पर आये हैं. सऊदी के दौरे पर आये अमेरिका के विदेश मंत्री ने किंग सलमान से मुलाक़ात की. अमेरिका सचिव माइक पोम्पो ने कल कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका मिडिल ईस्ट में ईरान की “अस्थिरता और घातक गतिविधियों” से गहराई से चिंतित है.” और अमेरिका की प्राथमिकता सऊदी अरब की सुरक्षा है.
पोम्पेओ के साथ यात्रा करने वाले अमेरिकी अधिकारियों ने संवाददाताओं से कहा कि ईरान द्वारा हौथियों को मिसाइलों की आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा, “ईरान मिसाइलों की आपूर्ति करता है और हौथी सऊदी अरब हमले करते है. लेकिन अरब गठबंधन बलों ने हौथियों की चाल कभी कामयाब होने नहीं दी है.
अमेरिका की इन टिप्पणियों के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता ने संयुक्त राज्य अमेरिका पर इस्लामी गणराज्य का सामना करने के लिए तेहरान के प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब को उकसाने का आरोप लगाया है और कहा है की “अमेरिका क्षेत्रीय संकट को बढ़ाने के लिए सऊदी अरब को उकसा रहा है.”
मुसलमानों के खिलाफ मुसलमानों को लड़ाना चाहता है अमेरिका
उन्होंने कहा की “अमेरिका ईरान का सामना करने के तरीकों में से एक इस क्षेत्र के अनुभवहीन शासकों को उकसा रहा है … अमेरिकी तेहरान के खिलाफ सऊदी अरब को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं … उनका उद्देश्य मुस्लिमों के खिलाफ मुसलमानों को लड़ने का है और अधिक क्षेत्रीय संकट पैदा करना है, “.
मिडिल ईस्ट के दो ताकतवर देशों सऊदी अरब और ईरान के बीच हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहता है. दोनों ही देश खुद को इस्लाम की दो अलग अलग शाखों का संरक्षक मानते हैं. सऊदी अरब जहां एक सुन्नी देश है, वहीं ईरान शिया देश. इसीलिए ये दोनों दुनिया भर में शिया और सुन्नियों के बीच होने वाले विवादों की धुरी माने जाते हैं.