अराज़ी आर्डिनेंस : मर्कज़ से जवाबतलबी

नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने आज हुसूल अराज़ी आर्डिनेंस की अज़सर-ए-नौ तबदील की क़ानूनी हैसियत को चैलेंज करते हुए पेश की जाने वाली दरख़ास्त पर मर्कज़ी हुकूमत से जवाबतलब करलिया। जस्टिस जे ऐस ख़ैबर और जस्टिस एसए बोगड़े ने हुकूमत को नोटिस जारी करते हुए हिदायत दी कि अंदरून चार हफ़्ते इस दरख़ास्त पर जवाब दाख़िल किया जाये जिस में मुबय्यना तौर पर इल्ज़ाम आइद किया गया है कि राज्य सभा दानिस्ता तौर पर मुल्तवी करदी गई ताकि हुसूल अराज़ी आर्डिनेंस दुबारा जारी किया जा सके।

बेंच ने सीनियर ऐडवोकेट इंदिरा जय‌ सिंह की दरख़ास्त को समाअत के लिए क़बूल नहीं किया जो दरख़ास्त गुज़ारों बिशमोल दिल्ली ग्रामीण समाज की पैरवी करते हुए अदालत से रुजू हुई थीं और गुज़ारिश की थी कि दरख़ास्त की समाअत आजलाना बुनियादों पर की जाये बसूरत-ए-दीगर ये बेसूद साबित होगी। बेंच ने कहा कि बेशक अगर क़ानूनसाज़ी होजाए तो ये दरख़ास्त बेसूद होजाएगी। ताहम हम ने नोटिस जारी करदी है और फ़रीक़ सानी की समाअत केलिए उसे जवाब देने की मोहलत देना भी ज़रूरी है।