सुरक्षा बलों को अतिरिक्त शक्तियां देने वाला विवादित सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून अरुणाचल प्रदेश के नौ में से तीन जिलों से आंशिक रूप से हटा लिया गया है लेकिन यह कानून म्यामां से सटे इलाकों में लागू रहेगा।
यह कदम राज्य में कानून लागू होने के 32 साल बाद उठाया गया है। अधिकारियों ने यहां यह जानकारी दी। इस राज्य के बीस फरवरी 1987 को बनने के समय से विवादित आफस्पा कानून लागू था। यह कानून असम और केन्द्र शासित प्रदेश मणिपुर में पहले से लागू था।
MHA sources: AFSPA has been withdrawn from 3 districts (of 9) of Arunachal Pradesh. Law & order situation in six districts of Arunachal Pradesh was reviewed before March 31 for validity of the 'disturbed area' designation under AFSPA.
— ANI (@ANI) April 2, 2019
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश के बाद मेघालय, मिजोरम और नगालैंड अस्तित्व में आए और इन राज्यों में भी यह कानून लागू किया गया था। न्यायमूर्ति बी पी जीवन रेड्डी समिति ने राज्य से आफस्पा हटाने की सिफारिश की थी। कानून के तहत, सुरक्षा बल किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं और किसी भी परिसर में छापा मार सकते हैं।
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि ‘‘अशांत क्षेत्र’’ घोषित अरुणाचल प्रदेश के चार थाना क्षेत्र रविवार से विशेष कानून के अंतर्गत नहीं हैं। जिन थाना क्षेत्रों से आफस्पा हटाया गया है उसमें पश्चिम कामेंग जिले के बालेमू तथा भालुकपोंग थाने, पूर्वी कामेंग जिले का सेइजोसा थाना और पापुमपारे जिले का बालीजान थाना शामिल है।
After 32 years, the controversial Armed Forces (Special Powers) Act, was partially removed from three of nine districts of #ArunachalPradesh, but would remain in force in the areas bordering #Myanmar, officials said https://t.co/FcPu7cciXe
— The Hindu (@the_hindu) April 2, 2019
अधिसूचना के अनुसार, हालांकि तिराप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों, नामसाई जिले के नामसाई तथा महादेवपुर थानों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों, लोअर दिबांग घाटी जिले के रोइंग तथा लोहित जिले के सुनपुरा में आफस्पा छह और महीनों के लिए 30 सितंबर तक लागू रहेगा।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के कारण चार थाना क्षेत्रों से ‘‘अशांत क्षेत्र’’ का टैग वापस ले लिया गया है और पूर्वोत्तर के प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों के निरंतर क्रियाकलापों को देखते हुए यह कानून अन्य क्षेत्रों में लागू रहेगा।
अधिसूचना में कहा गया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस कानून की धारा तीन के तहत उसे मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला किया। पिछले साल मार्च में मेघालय में सुरक्षा स्थिति में सुधार आने पर आफस्पा पूरी तरह से हटा लिया गया था। एक अधिकारी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के कुछ भागों में प्रतिबंधित एनएससीएन, उल्फा और एनडीएफबी जैसे उग्रवादी समूह उपस्थित हैं।