अरुणाचल प्रदेश में ज़मीन खिसकने से 12 मजदूरों की मौत

इटानगर: अरुणाचल प्रदेश के जिला तावानग में लगातार भारी बारिश से ज़मीन खिसकने की घटनाओं में कम से कम 16 मज़दूर मारे गए जबकि मूसलाधार बारिश का एक लेबर कैंप निशाना बन गया। यह घटना 3 बजे हुई जबकि मजदूर कस्बे फामला में मजदूर एक लेबर कैंप में निर्माण काम में मसरूफ़ थे। मलबे से जुमला 16 नाशे बरामद कर ली गई हैं। अधिक गंभीर घायलों को पड़ोसी राज्य असम के तीज़पोर अस्पताल ले जाया गया है।

सपा के मुताबिक दो मजदूर सुरक्षित। सेना, सियोल प्रशासन, पुलिस और ग्रामीणों ने संयुक्त कार्य‌वाई करते हुए नाश‌ बरामद कीं। न्यू लेबराँग और सरकारी उच्च माध्यमिक स्कूल के बीच की सड़क भी कट गई है। इसी क्षेत्र के आवासीय भवन भी ज़मीन खिसकने से क्षतिग्रस्त है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्सानी ज़िंदगीयों के नुकसान होने पर दुख़ हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मानव मौतों पर जो ज़मीन खिसकने से हुई हैं सदमा व्यक्त करते हुए कांग्रेस के विधायकों, राष्ट्रपति प्रदेश कांग्रेस और अन्य हरावल संगठनों स्वेच्छा से राहत अंजाम देने की इच्छा है।

नई दिल्ली से मिली सूचना के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया, जहां ज़मीन खिसकने की घटना में 14 लोग मारे गए हैं। राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री कालिकोपाल को फोन किया और वहां की स्थिति पता की। राज्य में मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हुई है।

राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश की स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की ओर से भरपूर सहयोग और मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने महानिदेशक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ओपी सिंह को निर्देश दिया कि वह एक बचाव निवेश टीम के साथ टाउन तोरनग जाएँ और चीन की सीमा से सटे इस क्षेत्र के मवाज़आत में बचाव कार्य अंजाम दिए जाएं। टाउन तवांग में ज़मीन खिसकने की घटना में अब तक 14 नाशे बरामद की जा चुकी हैं और इस स्थान से मिट्टी में दबे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश की वजह से बाढ़ ने कई जिलों में तबाही मचाई है। राजधानी इटानगर में भी बाढ़ की स्थिति है।