अरूणाचल प्रदेश में सदर राज के नफ़ाज़ पर तनाज़ा

नई दिल्ली: कांग्रेस ने अरूणाचल प्रदेश में सदर राज के नफ़ाज़ पर मर्कज़ी हुकूमत को तन्क़ीद का निशाना बनाया और कहा कि ये हिन्दुस्तानी वफ़ाक़ी निज़ाम को पामाल करने और दस्तूर के बे-जा इस्तेमाल की कोशिश है। साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर और कांग्रेस लीडर मनीष तीवारी ने बताया कि अरूणाचल प्रदेश में सदर राज का नफ़ाज़ वफ़ाक़ी जज़बे के मुग़ाइर है और दस्तूर के दफ़ा356 के बे-जा इस्तेमाल की बदतरीन मिसाल है।

एक मर्कज़ी काबीना ने कांग्रेस के ज़ेरे इक़्तेदार अरूणाचल प्रदेश में सदर राज के नफ़ाज़ की इतवार की शब सिफ़ारिश की थी जिसके बाइस सियासी हलक़ों में खलबली मच गई है। मनीष तीवारी ने कहा कि हुकूमत को इस मामले में सुप्रीमकोर्ट के फ़ैसला का इंतेज़ार करना चाहिए था चूँकि ये मामला सुप्रीमकोर्ट में ज़ेर-ए-समाआत है और ये मुतालिबा हक़बजानिब है कि सुप्रीमकोर्ट के फ़ैसले तक हुकूमत को इंतेज़ार करना चाहिए था|

कांग्रेस की तन्क़ीदों का जवाब देते हुए बीजेपी लीडर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सदर राज का नफ़ाज़ पहली मर्तबा नहीं किया गया है और कांग्रेस को शिकायत का कोई हक़ नहीं है क्यों कि वो ख़ुद रियासत में सियासी अदम इस्तिहकाम पैदा करने की ज़िम्मेदार है। उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश में सदर राज के हालात किसी और नहीं बल्कि कांग्रेस के बाग़ी अरकाने असेम्बली ने पैदा किए हैं और दस्तूर का तक़ाज़ा भी है कि मुक़र्ररा मुद्दत में असेम्बली इजलास तलब किया जाये।

बसूरत-ए-दीगर अदम इस्तेहकाम की सूरत-ए-हाल हावी हो जाएगी। फ़ैसला की मुदाफात करते हुए बीजेपी लीडर ने कहा कि मर्कज़ी काबीना ने सदर जम्हुरिया को सिफ़ारिश की और सदर ने सियासी सूझ-बूझ की बिना पर सदर राज के नफ़ाज़ का फ़ैसला किया है। जिसके बाइस कांग्रेस के पास शिकायत की कोई वजह नहीं है और सिर्फ सियासी मसला बनाने की कोशिश में है।