अरूशी क़त्ल केस: सुप्रीम कोर्ट का केस दिल्ली मुंतक़िल करने से इनकार

अपनी ही बेटी के क़त्ल के मुआमला में मुक़द्दमा का सामना करने वाले डाक्टर जोड़े राजेश और नूपूर तलवार को इस वक़्त एक और धक्का लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने मुक़द्दमा की समाअत को ग़ाज़ी आबाद कोर्ट से दिल्ली मुंतक़िल करने से इनकार कर दिया। जस्टिस बी एस चौहान और जस्टिस जे एस खीहर ने डाक्टर जोड़े की दाख़िल कर्दा अर्ज़ी अशित को ये कह कर मुस्तर्द कर दिया कि ग़ाज़ीयाबाद कोर्ट में जिस सिक्योरीटी के मुनासिब इंतेज़ामात हैं और राजेश और नूपूर तलवार को पेश आने वाली दुशवारीयों की बुनियाद पर मुआमला को दिल्ली मुंतक़िल नहीं किया जा सकता।

अब जबकि अरूशी क़त्ल मुआमला पर हर गुज़रते हुए दिन के साथ तजस्सुस में इज़ाफ़ा होता जा रहा है लिहाज़ा अदालत ने ये हुक्म दिया है कि आइन्दा समाअत से सिर्फ मुल्ज़िमीन और वुकला को ही अदालत में हाज़िरी की इजाज़त होगी। क़ब्लअज़ीं राजेश और नूपूर तलवार ने ये इस्तेदलाल पेश किया था कि ग़ाज़ीयाबाद कोर्ट में हाज़िरी के लिए उन्हें ना गुफ़्ता ये मुश्किलात का सामना है और दूसरी अहम बात ये है कि उन्हें सिक्योरीटी दरकार है जिस पर सी बी आई ने वज़ाहत करते हुए कहा कि इस नौईयत के हथकंडे इस्तेमाल् करते हुए डाक्टर जोड़ा दरअसल क़त्ल मुआमला को ताख़ीर का शिकार करना चाहता है जबकि ग़ाज़ीयाबाद कोर्ट में भी सिक्योरीटी की कोई कमी नहीं है।

याद रहे कि 14 साला अरूशी जो तलवार जोड़े की अमकोई औलाद थी। 16-15 मई 2008 की निस्फ़ शब को नोएडा में वाक़्य अपने मकान में मुर्दा पाई गई थी जबकि दूसरे रोज़ मकान की छत पर तलवार ख़ानदान के नौकर हेमराज की नाश भी पाई गई थी। सी बी आई ने इस मुआमला की हर ज़ावीया से तहक़ीक़ात की शक की सूई जब अरूशी के वालदैन की जानिब घूमी तो उन्हें भी बख्शा नहीं गया और गिरफ़्तार कर लिया गया। फ़िलहाल मुल़्क की निगाहें इस केस पर लगी हुई हैं।