अलकायदा की एल-बो बम बनाने की तकनीक को इंडियन मुजाहिदीन ने अपनाया है। धमाके के बाद यह ज्यादा असरदार होता है। यह बाजार में आसानी से और सस्ती शरह पर मौजूद है। इसके अलावा कई दीगर वजूहात से एल-बो तकनीक की ईजाद की गई है। इस तकनीक की जानकारी अलकायदा की मैगजीन इंस्पायर में दी गई है। अलकायदा की मैगजीन से ही इंडियन मुजाहिदीन ने एल-बो बम बनाने की ईज़ाद किया और तैयार किया। इस बात का खुलासा हैदर ने पुलिस और एनआईए की पूछताछ में किया है। हैदर ने पटना पुलिस को बताया है कि इंस्पायर मैगजीन से मिली जानकारी की बुनियाद पर ही एल-बो बम तैयार कर सीठियो में रखा गया था, जिसे एनआईए ने जब्त किया था। मुश्तबा दहशतगर्द इिम्तयाज के बड़े भाई अख्तर अंसारी की निशानदेही पर सीठीयो के पास तालाब से कई सॉकेट भी मिले थे, जिसका इस्तेमाल नई तकनीक के बम बनाने में किया जाता है।
सीठियो में बम इफ्तेखार ने रखा था
गुजिशता महीने एनआईए की टीम ने सीठियो के पास एक खेत से 18 एल-बो जब्त किया था। इसमें बारूद भरे गए थे और नट बोल्ट से टाइट कर रखा गया था। एल-बो के साथ छह टाइमर भी जब्त किया गया था। तकनीक के मुताबिक तीन एल-बो को मिला कर एक बम तैयार किया जाता है। 18 एल-बो से छह बम तैयार करने की मंसूबा थी, इस वजह से छह टाइमर भी रखे गए थे। पहली बार एल-बो सीरिज बम की तैयारी को लेकर एनआईए की टीम ने जांच शुरू की। इस सिलसिले में जब हैदर से पूछताछ की गई तो उसने पुलिस को बताया कि सीठियो में एल-बो बम इफ्तेखार ने रखा है। इफ्तेखार की गिरफ्तारी के बाद एल बो व टाइमर जब्त किए गए थे।