कश्मीर के अलगाववादी नेताओं ने कहा कि दिल्ली में बैठी सरकार हम कश्मीरीयों को मुर्ख बनाने का काम कर रही है। गिलानी, मीरवाईज और मलिक ने अपने साझा बयान में कहा है कि इस तथाकथित वार्ता प्रक्रिया में शामिल होना व्यर्थ है, क्योंकी इससे किसी कश्मीरी का भला नहीं होगा।
अलगाववादी नेताओं ने कहा कि कश्मीरियों की आजादी की ललक को मिटाने के लिए सरकार की तरफ से ये नई चाल चली गई है। दिल्ली में बैठी सरकार कश्मीरियों को मूर्ख समझती है।
हुर्रियत नेताओं ने कहा कि केंद्रीय वार्ताकार का यह कहना कि वह कश्मीर में अमन बहाली के लिए आ रहे हैं ताकि कश्मीर को सीरिया बनने से रोका जा सके, आपत्तिजनक है।
कश्मीर में कोई सांप्रदायिक तनाव या हिंसा नहीं हैं, यहां का नौजवान अपने संवैधानिक और आजादी के अधिकार के लिए लड़ रहा है।