अलगाववादी नेताओं ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के पांच विपक्षी सदस्यों से बात करने से आज इनकार करते हुए सम्पर्क करने के उनके प्रयास को विफल कर दिया। वहीं हुर्रियत कान्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी ने उनसे मुलाकात करने से भी इनकार कर दिया।
चार सांसद माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, जदयू नेता शरद यादव और राजद के जयप्रकाश नारायण समूह से अलग हुए और गिलानी से मिलने के लिए उनके आवास पर गए जहां वह पिछले 60 दिनों से नजरबंद हैं।
आवास के बाहर उनका स्वागत नारेबाजी से हुआ जिसके गेट उनके लिए खुले नहीं थे। गिलानी ने उन्हें खिड़की से देखा लेकिन सांसदों से मिलने से इनकार कर दिया।
यादव ने कहा, ‘‘हमारा यह प्रयास यह दिखाने के लिए है कि हम किसी भी से बातचीत के लिए तैयार हैं, चाहे वे मिलने के लिए तैयार हों या नहीं।’’ समूह जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक से भी मुलाकात करने के लिए गया जो हुमामा में बीएसएफ शिविर में हिरासत में है। मलिक ने सांसदों से कहा कि दिल्ली आने पर वह उनसे बातचीत करेंगे।
समूह ने हुर्रियत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट से भी मुलाकात का प्रयास किया लेकिन भट ने भी उनसे बात करने से इनकार कर दिया। भट ने नेताओं का स्वागत किया लेकिन स्पष्ट कर दिया कि यह निर्णय किया गया है कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
भट ने कहा, ‘‘यह व्यर्थ की कवायद है। तब तक कुछ भी ठोस नहीं होगा जब तक कि भारत पाकिस्तान से कश्मीर पर बातचीत नहीं करे। हम तब तक किसी भी हल तक नहीं पहुंच सकते यदि भारत केवल कश्मीरियों से बात करे या पाकिस्तान कश्मीरियों से बात करे। हमें प्रयास करके इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए नहीं तो इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच दुश्मनी उत्पन्न होगी।’’ एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी हुर्रियत कान्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फाररूक से चश्मा शाही उप जेल में अलग से मिलने के लिए गए जहां उन्हें बंद रखा गया है।
मीरवाइज ने ओवैसी से संक्षिप्त मुलाकात की जिस दौरान मात्र दुआ सलाम हुई।
इससे पहले दिन में अलगाववादियों ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के आमंत्रण को ठुकरा दिया। अलगाववादियों ने ऐसे कदम को ‘‘छल’’ करार दिया और जोर देकर कहा कि यह ‘‘मूल मुद्दे के समाधान के लिए पारदर्शी एजेंडा आधारित वार्ता’’ का कोई विकल्प नहीं हो सकता।
(भाषा)